श्रीशब्दध्यानयोग-प्रदक्षिणा के बारे में जानकारी (Shreeshabdadhyaanayoga Pradakshina Information) - Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ३ मार्च २०१६ के पितृवचनम् में’ ‘श्रीशब्दध्यानयोग-प्रदक्षिणा’ के बारे में जानकारी दी।
दूषित वातावरण का इन्फेक्शन होने से बचने के लिये, ये बुरी प्रवृत्तियां हमारे बच्चों में ना आये और आयी हुई हों तो निकल जायें इसके लिये और मैं कुछ करने जाऊं, टाईम टाईम पर मुझे बताना पडेगा, क्योंकि मैने always बताया है आपको कि मेरा प्लॅन क्या है? कुछ भी नहीं।
So, उसके लिये मैंने एक चीज तो आपको पहले ही बताई है कि ये जो श्रीशब्दध्यानयोग है, उसमें कुछ जो बदलाव, बदलाव नहीं, उसमें add करनेवाला हूँ, एक डेढ मिनट वाली बात, प्रदक्षिणा होगी, आपके सारे चक्रों की। उससे क्या होगा, आप लोग खुद की जगह बैठकर प्रदक्षिणा कर सकोगे, खुद के केंद्र की, हर चक्र की। चक्र से, खुद के चक्र की भी प्रदक्षिणा होगी और खुद के चक्र से, खुद का जो मूलाधार चक्र है, उससे परमात्मा के मूलाधार चक्र की प्रदक्षिणा होगी। तुम्हारे अनाहत चक्र से परमात्मा के अनाहत चक्र की प्रदक्षिणा होगी। समझे! ये ऐसी चीज है वो भी मैं आपको सिखानेवाला हूँ, दिखानेवाला हूँ, खुद करनेवाला हूँ कि जिससे directly, अगर हमारा concentration इतना अच्छा नहीं होगा, जब ये मंत्रपठन होता है, पूजा होती है तो भी उसका ज्यादा से ज्यादा फायदा हमें मिले। इसके लिये प्रदक्षिणा आवश्यक होती है। ये जब हम लोग पूरी प्रदक्षिणा मंदिर की कर नहीं सकते या घर में गणपति है तो हम लोग कैसी प्रदक्षिणा करते हैं? स्वयं प्रदक्षिणा कहते हैं। right! क्योंकि अपने अंदर भी परमात्मा का अंश है यह जान लो। तो वैसे ही ये जो हम लोग करनेवाले हैं, डेढ मिनट की चीज, उससे ऐसी प्रदक्षिणा तुम्हारे सारे चक्रों की भगवान के सारे चक्रों के साथ होगी।
‘श्रीशब्दध्यानयोग-प्रदक्षिणा’ के बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥