विश्वभर में चीन के आक्रामक गतीविधियों को बढता विरोध

चीन के खिलाफ़ जारी शीत युद्ध में यूरोप ने अमरीका का साथ देना अहम – जर्मनी के वरिष्ठ अधिकारी का बयान

बर्लिन – अमरीका और चीन के बीच शीत युद्ध शुरू हुआ है। यह शीत युद्ध इस सदी को आकार देनेवाली निर्णायक घटना साबित होगी। ऐसी स्थिति में चीन ने अपने सामने खड़ी की हुई चुनौतियों का मुकाबला करना है तो यूरोप ने अमरीका के कंधे से कंधा मिलाकर ड़टकर खड़ा रहना होगा, ऐसा बयान जर्मनी के विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पीटर बेयर ने किया। 

आगे पढे :  http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/europe-support-to-america-in-the-ongoing-cold-war-against-china-important/

‘क्वाड’ के सहयोग से चीन की असुरक्षा बढ़ाई

नई दिल्ली – भारत, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान इन ‘क्वाड’ सदस्य देशों की बैठक ६ अक्तुबर को होगी। इस बैठक पर चीन ने चिंता व्यक्त की है। इन दिनों विकास और सहयोग को असाधारण अहमियत बनी है और ऐसे में कुछ देशों के खास गुट तैयार करके इसका अन्य देश के खिलाफ़ इस्तेमाल करना चिंता की बात साबित होती है, यह बयान चीन के विदेश मंत्रालय ने किया है।

आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/cooperation-with-the-quad-increased-chinas-insecurity/

चीन की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए भारत ने मालदीव को दिया ‘डॉर्नियर’

नई दिल्ली – भारत ने मालदीव को गश्‍त लगाने के लिए ‘डॉर्नियर’ विमान उपहार के तौर पर प्रदान किया है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है और तभी भारत इस क्षेत्र में अपने मित्रदेशों की सहायता से ‘कोस्टल सर्विलन्स राड़ार सिस्टम’ (सीएसआरसी) का नेटवर्क मज़बूत कर रहा है। 

आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/india-gave-dornier-to-maldives-to-monitor-china-activities/

अमरीका के बाद ऑस्ट्रेलिया-चीन के बीच व्यापार युद्ध भड़कने के संकेत

कैनबेरा/बीजिंग – चीन के खिलाफ़ जारी संघर्ष अधिक तीव्र करने के संकेत अमरीका से प्राप्त हो रहे हैं, और अब ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच नया व्यापार युद्ध भड़कने के संकेत विश्‍लेषकों ने दिए हैं। बीते कुछ महीनों में चीन ने ऑस्ट्रेलिया को धमकाने की मात्रा बढ़ाई है और साथ ही ऑस्ट्रेलिया से हो रही आयात पर प्रतिबंध भी लगाए हैं।

आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/indications-of-trade-war-between-australia-and-china-after-us/

श्रीलंका को हिंद महासागर क्षेत्र में किसी भी देश का वर्चस्व स्वीकार नहीं है – श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया चीन को अप्रत्यक्ष इशारा

कोलंबो – हिंद महासागर क्षेत्र में श्रीलंका किसी भी देश के वर्चस्व के खिलाफ़ है। इसके आगे श्रीलंका की विदेशी नीति किसी भी देश के पक्ष में नहीं झुकेगी। श्रीलंका की विदेश नीति तटस्थ रहेगी, ऐसा बयान श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष गोताबाया राजपक्षे ने किया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में राष्ट्राध्यक्ष गोताबाया ने श्रीलंका की बदलती विदेशी नीति की ओर ध्यान आकर्षित किया। हिंद महासागर क्षेत्र में श्रीलंका का स्थान बड़ा अहम है। इसी कारण कोई भी देश दूसरे किसी देश का लाभ नहीं उठाएगा और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति बनी रहेगी, यही श्रीलंका की प्राथमिकता रहेगी, यह बात राष्ट्राध्यक्ष गोताबाया ने स्पष्ट की।

आगे पढे :  http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/sri-lanka-not-accept-the-dominance-of-any-country-in-the-indian-ocean-region/