साईबाबा के नौंवे वचन का महत्व (The importance of the nineth Promise of Saibaba) - Aniruddha Bapu‬

साईबाबा के नौंवे वचन का महत्व (The importance of the nineth Promise of Saibaba) - Aniruddha Bapu‬

परमपूज्य सद्‍गुरू श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने ०८ जनवरी २०१५ के हिंदी प्रवचन में ‘साईबाबा के वचन का महत्व’ इस बारे में बताया।

साईबाबा बोल रहे हैं कि ‘जान लो यहां है सहायता सभी के लिए, मांगे जो जो मिले वह वह उसे।’ साईबाबा से बताओ संकट आया है उससे मुझे बचाओ। संकट कितना बडा है यह साईबाबा को मत बताओ, उलटे संकट को बताओ कि मेरा साईबाबा कितना बडा है। संकट आने के बाद मुसीबत के समय बार बार यह सोचना है की बाबा मेरी सहाय्यता कर रहा है। ९ यह अंक पूर्णांक माना जाता है। यह नववा वचन भी इसलिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह पूर्ण वचन है। इस पूरे के पूरे नौंवे वचन में जानना यही महत्वपूर्ण पुरुषार्थ है।

इस विश्व का आरंभही जाननेसे हुआ है। हमारे जीवन को सुखी बनाने के लिए पहेले सुख को पहचानना चाहिए। सुख, आराम, चैन कहां है - प्रेम के प्रांत में। प्रेम के प्रांत का नायक कौन है- साई है, वह परमात्मा है। उसके लिए आवश्यक क्या है ? बस एक विश्वास रहना चाहिए- ‘एक विश्वास असावा पुरता, कर्ता हर्ता साई ऐसा।’ इन सबके बारे में हमारे प्यारे अनिरुद्ध बापू ने प्रवचन में बताया, वो आप इस व्हिडिओ में देख सकते है।

॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥