आसुरी मार्ग से हासिल की गयी संपत्ति को ऐश्वर्य नहीं कहा जाता क्योंकि वह न तो प्राणमय होता है और ना ही वह ऊर्ध्व दिशा में ले जाने वाला होता है । उसे पंक यानी दलदल कहते हैं और दलदल में फँसे हुए व्यक्ति का दलदल से बाहर निकलना असंभव होता है । ऐश्वर्य और पंक के बीच का फ़र्क परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने २५ मार्च २००४ के प्रवचन में स्पष्ट किया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं |
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥