Online precautions

Online Precautions

ऑनलाईन प्रिकॉशन्स – भाग १

हम सब को किसी ना किसी कारणवश घरसे बाहर निकलना ही पड़ता है। ऑफिस के बहाने, कॉलेज, स्कूल, व्यवसाय के बहाने, खरीदी करने के लिए, या घूमने के लिए भी जाना हो तो घर से बाहर निकलनाही पडता है। बाहर निकलने के बाद हम यात्रा के दरमियाँन, रास्ते में चलते समय, रास्ता क्रॉस करते समय, गाडी पार्क करते समय, शॉपिंग करते समय सावधानी बरततें रहते हैं। समय के बहाव में, यातायात के साधन भी बदल गए हैं। जिस का हम इस्तेमाल खुलेआम करते हैं। बदल रहीं परिस्थिती की हम धीरे-धीरे आदत डाल लेते हैं और फिर नई बातें हमारे पैल पडती है। लेकिन इन सबसे परेशान होकर, जाने भी दो, इतनी चीजें कौन सँभालेगा, उससे अच्छा बाहर जाना ही नहीं चाहिए। ऐसा हम कभी कहते नहीं है। क्योंकि काम के लिए घर से बाहर जाना यह रुटीन है और ज़रूरत भी। हमें सिर्फ इस जगह पर उचित सावधानी बरतनी है, प्रिकॉशन्स लेने हैं। जो हमारी जिम्मेदारी है। घर के बाहर ही क्यों? घर के अंदर भी हम कितनी सावधानी लेते है। किस लिए? तो नुकसान ना हो इसलिए। लेकिन डर के कारण अगर किसी ने घर से बाहर जाना ही बंद कर दिया तो सभी लोग उस व्यक्ति को १००% पागल ही समझेंगे।

ऑनलाईन प्रिकॉशन्स (online-precautions)

उसी तरह आज के जमाने में, समय में अगर हम ‘इंटरनेट’ का इस्तेमाल नहीं कर सके तो, हमें अशिक्षित ठहराया जा सकता है, ऐसा समय आया है। इंटरनेट का इस्तेमाल, रूटीन काम के लिए जैसे हम घर के बाहर जाते है, उसी प्रकार से ‘रुटीन’ हो गया है। क्योंकि अब हमारा कुछ भी काम हो, कोई भी क्षेत्र हो, हमारी उमर भी चाहे कितनी भी हो, इतनाही नहीं हमारी पसंद-नापसंद भी कुछ भी हो, तो भी ‘इंटरनेट’ ही बीच में आता है। जिसने हम पर कब्जा कर लिया है। हाँ यही शब्द इस्तेमाल करना जरूरी होगा। क्योंकि हमारे हर रूटीन कामों में इंटरनेट ने ‘घुसपैंठ’ की है। और सच कहें तो इसी की वजह से हमारा हर एक काम सहजतासे सफल भी होता है। अब इंटरनेट सिर्फ सर्फिंग का साधन न होकर, अन्य कामों के लिए भी उपयुक्त हो रहा है, हो गया है। ऑनलाईन शॉपिंग, बैंकिंग, रेल्वे, बस या हवाई जहाज का बुकींग, सिनेमा के टिकट का बुकींग, बिजली का बिल या मोबाईल का बिल ऐसें कई और जो हमारे काम हैं, उन्हें इंटरनेट के माध्यम से ही हम कर सकते हैं। इतना ही नहीं, घर का पुराना सामान अच्छे दामों में बेचने के लिए भी इंटरनेट का इस्तेमाल होता है…. और यह इंटरनेट की घुसपैठ अधिक गती से स्वीकार भी की जा रही है, समय की बचत के लिए, जिसका फायदा हमें ही मिल रहा है। घण्टों-घण्टों तक लाईन में खड़े रहकर होनेवाले काम अगर कुछ ही मिनिटों में और एक क्लिक के माध्यम से हो रहे हैं, तो उससे बचनेवाला ‘समय’ यही आज के समय का बहुत ही बड़ा ‘सेव्हिंग’ मानना होगा।

सिर्फ यह सब करते समय थोडी़ सावधानी बरती तो बहुत हुआ। इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय वैयक्तिक, व्यक्तिगत लेव्हल पर भी हम बेसिक चीजों की सावधानी सहजतासे ले सकते है। इन चीजों की जानकारी हम जरूर लेंगे। अगर हमें कॉम्प्युटर के बारे में भी तकनिकी जानकारी ज्यादा न हो, फिर भी कुछ चीजों का हम जरूर पालन कर सकते है।

ऑनलाईन प्रिकॉशन्स – भाग ३

ऑनलाइन सर्फिंग हम हमारी जरूरतों के अनुसार तो कभी हमारी इच्छानुसार पसंदीदा वेब पेजेस् देखते हैं, पढ़ते है। एक पेजसे दूसरे पेज पर जाते रहते है, इसे ही सिंपल भाषा में सर्फिंग कहा जाता है। इस समय वायरस या हॅकिंग जैसी चीजों का धोका, खतरा अधिक होता है। इसके लिए एंण्टी-वायरस सॉफ्टवेअर जैसे अन्य कुछ चीजों पर ध्यान देना आवश्यक है। एक नई वेबसाइट पर जाने के बाद किसी भी

ऑनलाईन प्रिकॉशन्स – भाग २

पासवर्ड बडे पैमाने पर नजरअंदाज किया जानेवाला लेकिन अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग, ऐसा कहा तो गलत नहीं होगा। फिलहाल इंटरनेट से अनेक चीजे की जाती हैं। लेनदेन किए जाते हैं। और इन सबके लिए अलग-अलग अकाउंट्स बनाए जाते हैं। लेकिन अकाउंट ओपन होने के बाद ‘पासवर्ड’ निश्चित करते समय जितना चाहिए उतना ध्यान नहीं दिया जाता, यह एक संभावना होती है, या पासवर्ड सहजतासें ध्यान में रहने के लिए उसे आसान

ऑनलाईन प्रिकॉशन्स – भाग १

हम सब को किसी ना किसी कारणवश घरसे बाहर निकलना ही पड़ता है। ऑफिस के बहाने, कॉलेज, स्कूल, व्यवसाय के बहाने, खरीदी करने के लिए, या घूमने के लिए भी जाना हो तो घर से बाहर निकलनाही पडता है। बाहर निकलने के बाद हम यात्रा के दरमियाँन, रास्ते में चलते समय, रास्ता क्रॉस करते समय, गाडी पार्क करते समय, शॉपिंग करते समय सावधानी बरततें रहते हैं। समय के बहाव में,