Hanuman
The Shree Ashwattha Maruti Poojan – Hanuman Poojan
About the Upasana:
* This festival is marked by the installation of the idol of the Hanumanta that Bapu (Aniruddhasinh) Himself has created. Bapu (Aniruddhasinh) actually sculpted this idol using the hammer and the chisel. Bapu (Aniruddhasinh) is an excellent sculptor. “Sculpting -carving out and lending the desired shape, is Bapu’s (Aniruddhasinh) inherent nature”. It comes so easily to Him!” The highlight of the festival is that all shraddhavaan bhaktas can take the darshan of this idol of the Hanumanta and feel blessed. Also, this idol is endowed with all the aspects and features possessed by Shree Hanumanta as described in the Panchamukhahanuman stotra.
Bapu (Aniruddhasinh) refers to Shree Hanumanta as His ‘Rakshakguru’, the guru who protects and it is for this reason that
श्रीहनुमानचलिसा पठणासंदर्भात सूचना व शंकानिरसन
हरि ॐ, आपल्या संस्थेने दि. २१ ते २७ सप्टेंबर ह्या आठवडाभराकरिता श्रीहनुमानचलिसा पठणाचे ऑनलाईन पद्धतीने आयोजन केले आहे, हे आपणा सर्वांना माहीतच आहे. ह्या पठणाबाबत काही श्रद्धावानांनी काही शंका उपस्थित केल्या. त्या शंकांच्या निरसनाकरिता पुढील स्पष्टीकरण व काही सूचना देत आहे : १. हे पठण भारतीय प्रमाणवेळेनुसार (IST) सकाळी ८.०० वाजता सुरू होईल व भारतीय प्रमाणवेळेनुसार सायंकाळी ८.१५ पर्यंत सुरू राहील. मंगळवार, गुरुवार व शनिवारी (२२, २४ व २६ सप्टेंबर
श्रीहनुमानचलिसा पठन के संदर्भ में सूचनाएँ एवं प्रश्नोत्तर
हरि ॐ, अपनी संस्था ने दि. २१ से २७ सितम्बर इस हफ़्तेभर के लिए श्रीहनुमानचलिसा पठन का ऑनलाईन पद्धति से आयोजन किया है, यह हम सब जानते ही हैं। इस पठन के संदर्भ में श्रद्धावानों ने कुछ प्रश्न उपस्थित किये। उन प्रश्नों के उत्तरस्वरूप निम्न स्पष्टीकरण तथा कुछ सूचनाएँ आगे दी गई है : १. यह पठन भारतीय मानक समयानुसार (IST) सुबह ८.०० बजे शुरू होगा और भारतीय मानक
Instructions & FAQs regarding Shree Hanuman Chalisa pathan
Hari Om, As we all know, we will be having the week-long online Hanuman Chalisa pathan from 21st to 27th September. We have received a few queries from Shraddhavans regarding the pathan. For clarification, instructions and a few FAQ’s regarding the Hanuman Chalisa pathan are given below: 1. The pathan will begin at 8 am IST and will continue till 8:15 pm IST. On Tuesday, Thursday and Saturday (22nd, 24th
हनुमान चलिसा पठण
हरि ॐ, हर साल श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम् में होनेवाला हनुमानचलिसा पठन इस साल के अधिक आश्विन मास में, सोमवार दि. २१ सितम्बर २०२० से रविवार दि. २७ सितम्बर २०२० इन ७ दिनों में संपन्न होनेवाला है। लेकिन इस साल गुरुक्षेत्रम् में प्रत्यक्ष पठन करना संभव नहीं होगा, इस असुविधा को मद्देनज़र रखते हुए, पिछले कुछ सालों के रेकॉर्डिंग का इस्तेमाल करके, अनिरुद्ध टी.व्ही., फेसबुक पेज, यु. ट्युब. के माध्यम से; साथ
नित्य उपासनेसंबंधी सूचना
हरि ॐ, सोमवार, दि. २१ सप्टेंबर ते रविवार, दि. २७ सप्टेंबर २०२० पर्यंत सकाळी ८.०० वाजल्यापासून रात्री ८.१५ वाजेपर्यंत दरवर्षीप्रमाणे “हनुमान चलिसा पठण” ह्या विशेष उपासनेचे आयोजन करण्यात आले आहे ह्याची सर्व श्रद्धावानांना पूर्वकल्पना आहेच. त्यामुळे ह्या काळात दररोज संध्याकाळी ८.०० वाजता होणारी नित्य उपासना होणार नाही ह्याची सर्व श्रद्धावानांनी कृपया नोंद घ्यावी. कोणीही श्रद्धावान त्याला जसे व जेवढा वेळ जमेल त्यानुसार ह्या विशेष उपासनेत सहभागी होऊ शकतो. तसेच भारताबाहेरील
श्रद्धावानों के लिये जीवन में सुंदरकांड का महत्व
हरि ॐ, आज दुनियाभर में जो परिस्थिति है, उस परिस्थिति में भी बापुजी के सभी श्रद्धावान मित्र उपासना के माध्यम से बापुजी के साथ दृढ़तापूर्वक जुड़ गये हैं और इस सांघिक उपासना के साथ ही, श्रद्धावान अपनीं व्यक्तिगत उपासनाएँ और खुद की प्रगति के लिए आवश्यक होनेवाले विभिन्न Online Courses इनके माध्यम से, बापुजी के बतायेनुसार समय का यथोचित इस्तेमाल करके इस संकट के दौर को अवसर में परिवर्तित कर
श्री पंचमुख-हनुमत्-कवच – मराठी अर्थ
॥ हरि: ॐ ॥ ॥ श्री पंचमुख-हनुमत्-कवच ॥ (संस्कृत आणि मराठीत अर्थ) ॥ अथ श्रीपञ्चमुखहनुमत्कवचम् ॥ श्रीगणेशाय नम:| ॐ अस्य श्रीपञ्चमुखहनुमत्कवचमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषि:| गायत्री छंद:| पञ्चमुख-विराट् हनुमान् देवता| ह्रीम् बीजम्| श्रीम् शक्ति:| क्रौम् कीलकम्| क्रूम् कवचम्| क्रैम् अस्त्राय फट् | इति दिग्बन्ध:| या स्तोत्राचा ऋषि ब्रह्मा असून छंद गायत्री, ह्या स्तोत्राची देवता पंचमुख-विराट-हनुमान आहे, ह्रीम् बीज आहे, श्रीम् शक्ति आहे, क्रौम् कीलक आहे, क्रूम् कवच आहे आणि ‘क्रैम् अस्त्राय
श्री पंचमुख-हनुमत्-कवच – हिन्दी अर्थ
।। हरि: ॐ ।। ॥ श्रीपञ्चमुख-हनुमत्-कवच ॥ (मूल संस्कृत और हिन्दी अर्थ) ॥ अथ श्रीपञ्चमुखहनुमत्कवचम् ॥ श्रीगणेशाय नम:। ॐ अस्य श्रीपञ्चमुखहनुमत्कवचमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषि:। गायत्री छंद:। पञ्चमुख-विराट् हनुमान् देवता। ह्रीम् बीजम्। श्रीम् शक्ति:। क्रौम् कीलकम्। क्रूम् कवचम्। क्रैम् अस्त्राय फट् । इति दिग्बन्ध:। इस स्तोत्र के ऋषि ब्रह्मा हैं, छंद गायत्री है, देवता पञ्चमुख-विराट-हनुमानजी हैं, ह्रीम् बीज है, श्रीम् शक्ति है, क्रौम् कीलक है, क्रूम् कवच है और
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