Sadguru Aniruddha Bapu

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आरती- दुर्गे दुर्घट भारी  (प्रत्येक शब्द का अर्थ एवं सरलार्थ सहित) (Aarti Durge Durghat Bhari

आरती- दुर्गे दुर्घट भारी (प्रत्येक शब्द का अर्थ एवं सरलार्थ सहित) (Aarti Durge Durghat Bhari

Durge जय देवी जय देवी महिषासुरमर्दिनी । सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी ॥ धृ ॥ (जय- जय हो, देवी- देवी माँ, महिषासुरमर्दिनी- महिषासुर का, अशुभ का सर्वनाश करनेवाली, सुरवरईश्वरवरदे - सुर यानी देव, सुरवरों को यानी देवगणों को और ईश्वर (परमात्मा) को वर देनेवाली आदिमाता दुर्गा, तारक- तारणहार, संजीवनी- समग्रता से नया जीवन देनेवाली)। सरलार्थ: देवी माँ महिषासुरमर्दिनी की जय हो! अंबा, तुम ही सुरवरों को तथा ईश्वर (परमात्मा) को वर देती हो, आप ही तारक हो, आप ही संजीवनी हो।

‘ अंबा ’ या शब्दाचा अर्थ (The Meaning Of The Word ‘ Amba ’)  - Aniruddha Bapu‬ ‪Marathi‬ Discourse 18 June 2015

‘ अंबा ’ या शब्दाचा अर्थ (The Meaning Of The Word ‘ Amba ’) - Aniruddha Bapu‬ ‪Marathi‬ Discourse 18 June 2015

Amba ‘ अंबा ’ या शब्दाचा अर्थ - दुर्गामातेच्या आरतीत ‘अनाथनाथे अंबे’ हे शब्द येतात. ‘ अंबा ’ या शब्दाचे ‘अंबे’ हे संबोधन आहे. ‘ अंबा ’ या शब्दाचा अर्थ आहे- ‘माझी प्रिय आई’.

The Swastikshema Sanvadam

The Swastikshema Sanvadam

In His discourse, Aniruddha Bapu introduced to the Shraddhavaan bhaktas the concept of the 'Swastikshema Sanvaadam' all for their well being

स्वस्तिक्षेम संवादम्‌ (Swastikshem Sanwad)

स्वस्तिक्षेम संवादम्‌ (Swastikshem Sanwad)

Swastikshem Sanwad कल परमपूज्य बापूजी ने प्रवचन में स्वस्तिक्षेम संवादम्‌ की संकल्पना सारे श्रद्धावानों के समक्ष रखी; सभी श्रद्धावानों के हित के लिए।

स्वस्तिक्षेम संवादम् (swastikshem-sanwad)

स्वस्तिक्षेम संवादम् (swastikshem-sanwad)

swastikshem-sanwad काल परमपूज्य बापूंनी प्रवचनामध्ये स्वस्तिक्षेम संवादम्‌ची संकल्पना सर्व श्रद्धावानांसमोर मांडली; सर्व श्रद्धावानांच्या हितासाठी.

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