Sadguru Aniruddha Bapu

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श्रीमंगलचण्डिका प्रपत्ती

श्रीमंगलचण्डिका प्रपत्ती

Aniruddha Bapu - बापू ने कहा है, ‘श्रीचण्डिका उपासना’ यह रामराज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। माँ जगदम्बा की, महिषासुरमर्दिनी की उपासना करने पर ही अशुभ का नाश हो जाता है, अशुभ दूर हो जाता है और यश एवं पराक्रम की प्राप्ति होती है और वे अबाधित रहते हैं।

पराम्बा पूजन (Paramba Poojan)

पराम्बा पूजन (Paramba Poojan)

अश्विन नवरात्रीतील सप्तमीचा दिवशी परमपूज्य बापूंच्या घरी मोठ्या आईचे पराम्बा पूजन केले जाते. बापू, नंदाई व सुचितदादांचे मोठ्या आईवरील नितांत प्रेम, तिच्या सहवासाची आणि तिला आळविण्याची नितांत आर्तता, ह्या सर्वांची अनुभूती ह्या दिवशी आम्ही सर्वांनी घेतली

आरती- दुर्गे दुर्घट भारी  (प्रत्येक शब्द का अर्थ एवं सरलार्थ सहित) (Aarti Durge Durghat Bhari

आरती- दुर्गे दुर्घट भारी (प्रत्येक शब्द का अर्थ एवं सरलार्थ सहित) (Aarti Durge Durghat Bhari

Durge जय देवी जय देवी महिषासुरमर्दिनी । सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी ॥ धृ ॥ (जय- जय हो, देवी- देवी माँ, महिषासुरमर्दिनी- महिषासुर का, अशुभ का सर्वनाश करनेवाली, सुरवरईश्वरवरदे - सुर यानी देव, सुरवरों को यानी देवगणों को और ईश्वर (परमात्मा) को वर देनेवाली आदिमाता दुर्गा, तारक- तारणहार, संजीवनी- समग्रता से नया जीवन देनेवाली)। सरलार्थ: देवी माँ महिषासुरमर्दिनी की जय हो! अंबा, तुम ही सुरवरों को तथा ईश्वर (परमात्मा) को वर देती हो, आप ही तारक हो, आप ही संजीवनी हो।

दररोज दहा मिनिटे शान्त बसा- भाग २ (Sit Quite For 10 Minutes Every Day- Part 2) - Aniruddha Bapu‬ ‪Marathi‬ Discourse 18 June 2015

दररोज दहा मिनिटे शान्त बसा- भाग २ (Sit Quite For 10 Minutes Every Day- Part 2) - Aniruddha Bapu‬ ‪Marathi‬ Discourse 18 June 2015

Sit Quite for minutes - रोज दिवसातून कमीत कमी दहा मिनिटे शान्तपणे बसा (Sit Quite). शान्तपणे बसण्याआधी ‘हरि ॐ, श्रीराम अंबज्ञ’ म्हणा आणि उठण्याआधी ‘जय जगदंब जय दुर्गे’ म्हणा.

दररोज दहा मिनिटे शान्त बसा (Sit Quite For 10 Minutes Every Day) - Aniruddha Bapu‬ ‪Marathi‬ Discourse 18 June 2015

दररोज दहा मिनिटे शान्त बसा (Sit Quite For 10 Minutes Every Day) - Aniruddha Bapu‬ ‪Marathi‬ Discourse 18 June 2015

Sit Quite For 10 Minutes Every Day - दररोज दिवसातून वेळ काढून किंवा रात्री कमीत कमी दहा मिनिटांसाठी तरी शान्त बसा. शरीर स्थिर आणि मन शान्त करा. मनात जरी विचार आले तरी विरोध करू नका.

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