परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ७ एप्रिल २०१६ के पितृवचनम् में ‘स्वस्तिक्षेम संवादम् यह दिव्य चण्डिकाकुल के साथ किया जानेवाला संवाद है’ इस बारे में बताया।

अनिरुध्द बापू ने कहा कि अभी हम स्वस्तिक्षेम संवादम् करने जा रहे हैं। फिर एक बार मै बताता हूं कि स्वस्तिक्षेम संवादम् क्या है? हर एक व्यक्ति अपने मन में, अपने मन की जो भी बात करना चाहता हो, इस चण्डिकाकुल के किसी भी सदस्य के साथ, आप बात कर सकते हो। हमें पूरा विश्वास रहना चाहिए कि मैं जो भी बोल रहा हूं या रही हूं वह ये माँ भगवती सुन रही है।
जो मन में बोलते हैं वही सुना जाएगा। ये संवाद है। हमारे मन की बात जब उनके पास पहुंचती है तो उनकी बात प्राणमय संवाद से, प्राण के वायब्रेशन्स होते हैं, उस से प्राणो से उनकी बात जोड दी जाती है।
हर कोई चाहता है कि मन को बदला जाये लेकिन ये नहीं हो सकता। मन पे कंट्रोल करना हमारा काम नहीं है। mind control करना ये बुरे लोगों का काम है। अपवित्र मार्गों की बात है। माँ का नियम क्या है, कर्मस्वातंत्र्य। स्वस्तिक्षेम संवादम् के माध्यम से हम कर्मस्वतन्त्रता का उचित उपयोग करके मन में उचित परिवर्तन कर सकते हैं।
‘स्वस्तिक्षेम संवादम् यह दिव्य चण्डिकाकुल के साथ किया जानेवाला संवाद है’ इस बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥
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It is superb gift by P. P. BAPU to us. It is helping me to raise my life in every aspect. Thank you BAPU.
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