यूरोपीय महाद्वीप से जुडी महत्वपूर्ण गतिविधियां

स्विट्जरलैंड में कुछ मस्जिदों का तुर्की और ‘आईएस’ से संबंध – स्विस पत्रकार का आरोप

बर्न – स्विट्जरलैंड में तुर्की के सरकार से जुडे संगठनों द्वारा चलाई जा रही मस्जिदों में ‘आईएस’ यह आतंकी संगठन प्रशिक्षण दे रही है, यह चौकानेवाला दावा स्विस पत्रकार ने किया है| ‘कर्ट पेल्डा’ इस स्विस पत्रकार ने इराम में सजा सुनाई गई एक ‘आईएस’ के आतंकी का जिक्र करके यह आरोप किया| २४ वर्ष का यह आतंकी स्विस नागरिक है और उसने स्विट्जरलैंड के एक मस्जिद में उसे चरमपंथी बनाया गया है, इस बात का स्वीकार किया है|

स्विट्जरलैंड में लगभग ४ लाख से भी अधिक इस्लामधर्मी रह रहे है और इस देश की कुल जनसंख्या की तुलना में इनकी तादात ५ प्रतिशत से भी अधिक है| देश के कई हिस्सों में मस्जिदों का निर्माण किया गया है और उसमें तुर्की के सत्तारूढ हुकूमत का हिस्सा रहे ‘तुर्कीश रिलिजिअस अफेअर्स फाऊंडेशन’ इस संगठन का बडी मात्रा में योगदान है|

आगे पढ़े : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/some-mosques-switzerland/

युरोप का इस्लामीकरण शुरू रहा तो जर्मनी की भी युरोपिय महासंघ से ‘एक्जिट’ – ‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ की चेतावनी

बर्लिन: इस्लाम धर्म देश को धर्म से अलग मानता नही और इस वजह से वह राजनीतिक विचारधारा का हिस्सा साबित होता है| युरोप में सभी देशों ने एक होकर कोशिश की तो युरोप का इस्लामीकरण रोकना मुमकिन होगा| युरोप में कई लोग इस्लाम का खतरा स्वीकार ने के लिए तैयार नही, लेकिन यह खतरा बढ रहा है और फिलहाल युरोप के लिए सबसे बडा खतरा हो सकता है, यह दावा करके युरोप का इस्लामीकरण ऐसा ही शुरू रहा तो आने वाले कुछ वर्षों में जर्मनी भी महासंघ से ‘एक्जिट’ करने के लिए कदम बढाएगा, यह चेतावनी ‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ (एएफडी) इस पक्ष ने दी है|

मई महीने में युरोपीय संसद का चुनाव होगा और इस पृष्ठभुमि पर जर्मनी में दक्षिणी एवं राष्ट्रवादी विचारधारा का गुट के तौर पर जाने जा रहे ‘एएफडी’ ने अपना जाहीरनामा प्रसिद्ध किया| इस जाहीरनामा में युरोपीय महासंघ की कार्यपद्धती पर जोरदार आलोचना की गई है और इस्लामीकरण और जर्मनी के ‘एक्जिट’ के मुद्दे का अहमियत से जिक्र किया गया है|

आगे पढ़े : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/germany-also-exit-european-union-islamisation-europe-continues/

राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन इनकी नीति की वजह से फ्रान्स में गृहयुद्ध भडकेगा – फ्रेन्च प्रदर्शकों की चेतावनी

पैरिस – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैनुएल मैक्रोन इनकी धारणा सामान्य फ्रेंच जनता के विरोध में होकर जनता फिलहाल जो तकलीफ सहन कर रही है, उसके लिए वही जिम्मेदार है| जब तक जनता को तकलीफ हो रही है एवं राष्ट्राध्यक्ष अपनी धारणा नहीं बदलते, तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे और जल्द ही फ्रान्स में गृहयुद्ध भड़केगा, ऐसी कड़ी चेतावनी फ्रेंच प्रदर्शनकारियों ने दी है|

फ्रान्स में नवंबर महीने से यलो वेस्टस् आंदोलन शुरू हुआ है| जिससे फ्रेंच जनता का मैक्रोन इनके प्रशासन के विरोध में असंतोष बढ़ता दिखाई दे रहा है| लगातार ८ हफ्ते राजधानी पैरिस के साथ देश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन शुरू होकर उसे नियंत्रित करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन असफल हुए हैं| ईंधन के दाम कम करने के बारे में लिए निर्णय तथा देश में विविध गुटों से संवाद करने के लिए दिया प्रस्ताव जैसे उपाय योजना असफल होने की बात स्पष्ट हो रही है|

आगे पढ़े : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/president-macron-policy-cause-civil-war-france/

शरणार्थियों को स्वीकारने से नेदरलैंड ने किया इन्कार; युरोपीय महासंघ में दरार

एम्स्टर्डम – यूरोप के अन्य देशों ने योग्य प्रमाण में शरणार्थियों को स्वीकारने की तैयारी दिखाई, तो ही नेदरलैंड भी शरणार्थियों का स्वीकार करेगा अन्यथा नहीं, ऐसे शब्दों में नेदरलैंड ने शरणार्थियों को स्वीकारने से इनकार किया है| माल्टा में रुके हुए एक जहाज पर शरणार्थियों के आश्रय का मुद्दा सामने आया है और नेदरलैंड जैसे प्रमुख देश ने किया इनकार महासंघ के लिए बहुत बड़ा झटका साबित हो रहा है| नेदरलैंड के इनकार से शरणार्थियों के मुद्दे पर यूरोपीय देशों में दरार अधिक बढने के संकेत मिल रहे है|

पिछले महीने में ३२ शरणार्थियों का समावेश होने वाला ‘सी-वॉच ३’ यह जहाज माल्टा में रोका गया था| यह जहाज स्वयंसेवी संस्था का होकर, यह संस्था नेदरलैंड में होने की बात सामने आ रही है| जिसकी वजह से शरणार्थियों की जिम्मेदारी नेदरलैंड ले, ऐसी मांग की गई थी| पर नेदरलैंड ने यह मांग ठुकराई है और अन्य यूरोपीय देशों ने शरणार्थी लिए तो ही हम भी लेंगे, ऐसी चेतावनी दी है|

आगे पढ़े : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/netherlands-bluntly-refuses-migrants/