'Vahu Tujhiya Charani Bhaal, Hechi Tulasipatra Majhe'
“Vahu Tujhiya Charani Bhaal, Hechi Tulsipatra Majhe.” (I surrender my head (myself) at your feet; this is my Tulsipatra) - Rupaliveera Daware
“Vahu Tujhiya Charani Bhaal, Hechi Tulsipatra Majhe.” (I surrender my head (myself) at your feet; this is my Tulsipatra) - Rupaliveera Daware
इस स्कंदचिह्न में......... यहाँ से लेकर तीन बाजुएँ यानी गायत्री, महिषासुरमर्दिनी और अनसूया.’ ... यहाँ तक। यह भाग दूसरे एक लेख से ........
Sadguru Aniruddha has already introduced us to the Bhaktibhav Chaitanya or the Devotion Sentience. Moreover, this year is a significant one for all ........
प्रत्यक्ष में ८ मार्च २०१८ को प्रकाशित हुए ‘तुलसीपत्र-१४६५’ के साथ स्वयंभगवान श्रीत्रिविक्रम के बारे में परिचयात्मक (इन्ट्रोडक्टरी) अग्रलेखों की शृंखला शुरू हुई थी।
आज दि. २३-१२-२०१८ को ‘दैनिक प्रत्यक्ष’ में प्रकाशित हुआ तुलसीपत्र-१५७७ यह अग्रलेख विशेष महत्त्वपूर्ण होने के कारण, सभी श्रद्धावानों के लिए PDF स्वरूप में
तुलसीपत्र क्र. १५७६ - शुभदा ‘भक्तिभाव चैतन्य म्हणजे काय’ हे श्रद्धावानांना सविस्तर समजावून सांगण्याची विनंती देवर्षि नारदांस करते
‘तुलसीपत्र’ मालिका के अग्रलेख......‘वैभवलक्ष्मी का व्रत - भाग १ से ५’ ये डॉ.अनिरुद्ध धैर्यधर जोशी द्वारा लिखित अग्रलेख पुनर्मुद्रित किये जायेंगे|
आज रविवार दि. २५-०२-२०१८ को ‘दैनिक प्रत्यक्ष’ में प्रकाशित हुए ‘तुलसीपत्र-१४६०’ इस अग्रलेख में त्रि-मुख त्रिविक्रम के प्रकट होने का वर्णन किया गया है। उस त्रि-मुख त्रिविक्रम का तीन स्तरों पर का स्वरूप।
दैनिक प्रत्यक्ष मध्ये तुलसीपत्र-१२६६ ह्या अग्रलेखात अनवधानाने टाइप झालेले भारित केलेला दाणपट्टा हे शब्द भारित केलेला दांडपट्टा वाचावे