Sadguru Shree Aniruddha’s Pitruvachan (Part 2) – 31st January 2019
हरि ॐ, श्रीराम, अंबज्ञ, नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. कितनी बार हम लोग इन शब्दों का प्रयोग करते हैं? ‘बहुत देर हुई’….राईट? क्या कहते हैं? ‘बहुत देर हुई’। कहाँ जाना है, कहाँ से निकलना है, कहाँ जा पहुँचना है, कुछ हासील करना है, कुछ पाना है। हमें सब चीज़ों में ऐसा लगता है, सब बातों में ऐसा लगता है, कि जो टाईम है, उसके पहले सब कुछ हो जाये, तो बहुत अच्छा!