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अग्नि और जल

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ३० जून २००५ के पितृवचनम् में ‘अग्नि और जल’ इस बारे में बताया। जल, यह जो हमारा शरीर है, यह शरीर दिखता है तो, क्या पानी दिखता है शरीर में कहीं? बाहर से नहीं दिखता। हर कोई जो सायन्स का स्टुडण्ड है, जानता है कि शरीर का कितना हिस्सा पानी है? ७०% वॉटर है इस शरीर में। पृथ्वी पर कितना पानी है और कितनी जमीन है?

सद्यपिपा श्री. अप्पासाहेब दाभोलकर ह्यांना श्रद्धांजली

हरि ॐ श्री. अप्पासाहेब दाभोलकर ह्यांना पूज्य सुचितदादा व मी स्वत: सर्व संस्थेच्या वतीने श्रद्धांजली अर्पण करीत आहोत व आज श्रीसाईसच्चरित्राचा ४० वा अध्याय वाचणार आहोत. – समीरसिंह दत्तोपाध्ये बुधवार, दि. ०७ एप्रिल २०२१  

‘अल्फा टू ओमेगा’ न्युजलेटर - जनवरी २०२०

जनवरी २०२० संपादकीय हरि ॐ श्रद्धावान सिंह और वीरा, आपको और आपके परिजनों को नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूँ। परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी की कृपा से हम सभी ने अनिरुद्ध भक्तिभाव चैतन्य मनाते हुए सन २०२० में कदम रखा है। मुझे यकीन है कि हम सभी अब भी ३१ दिसंबर २०१९ के उन सुंदर यादों में डूबे हुए हैं जो कि हमने सद्गुरू श्री अनिरुद्धजी पर रचे गए

Aniruddha Bhaktibhav Chaitanya

डिसेंबर २०१९ संपादकीय हरि ॐ श्रद्धावान सिंह, वेळ हा चुटकी वाजवल्यासारखा क्षणात उडून जातो. आपण सर्वजण प्रत्यक्ष अनुभवणार असलेला अनिरुध्द भक्तिभाव चैतन्य हा महासत्संग सोहळा अगदी काही आठवड्यांवर येऊन ठेपला आहे. ह्या भव्य सोहळ्याची सर्व तयारी अत्यंत जोशात सुरु आहे. १८ नोव्हेंबर – म्हणजे आपल्या लाडक्या सदगुरु श्री अनिरुध्दांचा वाढदिवस! त्यामुळेच नोव्हेंबर महिना हा प्रत्येक श्रध्दावानासाठी अगदी विशेष महत्त्वाचा असतो. त्रिपुरारी पौर्णिमेच्या अत्यंत पवित्र दिवशी सद्गुरु श्री अनिरुध्दांचा जन्म झाला.

अनिरुध्द भक्तिभाव चैतन्य

बर २०१९ संपादकीय हरि ॐ सिंह एवं वीरा, अक्टूबर के महीने में हमने अशुभनाशिनी नवरात्रि, विजयादशमी उत्सव, श्री धनलक्ष्मी उत्सव और श्रीयन्त्र पूजन, यह उत्सव मनाये। इसी मास में दिवाली का उत्सव भी मनाये जाने के कारण, वातावरण में आध्यात्मिक परिपूर्णता के अतिरिक्त भी त्यौहार मानने के जोश को चार चाँद लगा गए। श्रीयन्त्र धनलक्ष्मी पूजन उत्सव में भाग लेते समय, सद्गुरु अनिरुद्धजी के श्रद्धावान मित्रों ने लड्डू, चिवड़ा, चकली,

ईको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियां

सप्टेंबर २०१९ संपादकीय, हरि ॐ श्रद्धावान वीरा श्रावणाचा पवित्र महिना येणार्‍या उत्सवांची चाहूल देतो आणि आध्यात्मिक वातावरणही बळकट करतो. या श्रावण महिन्यात श्रध्दावानांना दरवर्षी सामुहिक घोरकष्टोध्दरण स्तोत्र पठण करण्याची, महादुर्गेश्वर प्रपत्ती करण्याची आणि अश्वत्थ मारुती पूजनात सहभागी होण्याची संधी मिळते. या सगळ्याबरोबरच यावर्षापासून श्रावणात ’शिव सह-परिवार पूजन’ करण्याची अतिशय सुंदर संधी श्रध्दावानांना मिळाली. श्रध्दावानांना अनेकविध मार्गांनी आपल्या परमेश्वराप्रती असणारी कृतज्ञता व्यक्त करता येते त्याची आपण थोडक्यात माहिती घेऊ. – समिरसिंह

ईको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियां

सितंबर २०१९ संपादकीय, हरि ॐ श्रद्धावान सिंह एवं वीरा सावन के पवित्र महीने से त्योहारों की शुरुआत होती है जो कि आध्यात्म को बढाने में सहायक होती है। हर वर्ष, यह महीना हमें घोरकष्टोधारण स्त्रोत्र का सामूहिक पठन, श्री महादुर्गेश्वर प्रपत्ति, अश्वत्थ मारुती पूजन और वैभवलक्ष्मी पूजन में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष से हमें, “शिव सहपरिवार पूजन” का महान अवसर भी प्राप्त हुआ है। जिन

‘अल्फा टू ओमेगा’ न्युजलेटर – अप्रैल २०१९

  अप्रैल २०१९ संपादक की कलम से   हरि ॐ श्रद्धावान सिंह / वीरा, हमारे देश में और हमारे आस पास के मौसम में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। गर्मी की शुरुआत हो चुकी है और वह अपनी चरम सीमा की ओर बढ़ रही है। हम सब ने पिछले महीने में ही होली मना कर सर्दी से विदाई ली सभी श्रद्धावान मित्रों ने होलीपूर्णिमा उत्सव और महाशिवरात्रि उत्सव में

‘अल्फा टू ओमेगा’ न्युजलेटर – फरवरी २०१९

‘अल्फा टू ओमेगा’ न्युजलेटर – हिन्दी संस्करण   फरवरी २०१९ संपादक की कलम से हरि ॐ श्रद्धावान सिंह / वीरा, सद्गुरु श्री अनिरुद्ध की कृपा से, हमारा यह वर्ष भक्तिभावच्चैतन्य और वर्धमान व्रतधीराज के आनंदमय वातावरण में आरम्भ हुआ। यह व्रत, सदगुरु के मार्गदर्शन के अनुसार मार्गशीर्ष में किया जाता है। श्रद्धावान बड़े ही प्रेम से इस व्रत का पालन करते हैं, जिससे हमारे जीवन में सकारात्मकता के साथ साथ

शहीद जवानों को श्रद्धांजली

हरि ॐ, कल CRPF जवानों पर किये गये हमले का हम निषेध करते हैं। साथ ही, सभी शहीद जवानों को श्रद्धांजली अर्पण करते हुए उनके परिजनों के दुख में हम सहभागी हैं। सभी श्रद्धावानों को हर एक भारतीय सैनिक पर और सेनादल पर गर्व है; और सभी श्रद्धावान और भारतीय, हमारे सैनिकों तथा सेनादल की तरह ही, इसी प्रकार देश के लिए त्याग करने तैयार रहने चाहिए, यही परमपूज्य अनिरुद्धजी