What is Non-existence(शून्यत्व) - Sadguru Aniruddha Bapu
Meaning of the Sanskrit word 'शून्य' (nothing) on the basis of Radhaji's Janmashunya (जन्मशून्या) name, Sadguru Aniruddha Bapu guides us in this clip.
Meaning of the Sanskrit word 'शून्य' (nothing) on the basis of Radhaji's Janmashunya (जन्मशून्या) name, Sadguru Aniruddha Bapu guides us in this clip.
‘ॐ त्रिविक्रमाय नम:’ या नामावर परमपूज्य सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापू त्यांच्या मराठी प्रवचनात बोलत आहेत. दि. 30 मार्च 2023 रोजी रामनवमीच्या पावन पर्वावर प्रकाशित झालेल्या, सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध-लिखित ‘त्रिविक्रम(हरिहर) अनंतनामावलि’त या त्रिविक्रमाची, या हरिहराची नामे आणि त्यांचा थोडक्यात अर्थही देण्यात आला आहे.
Important notice regarding Pathan of ’Shree-Panchmukh-Hanumat-Kavach'
सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ०३ मार्च २००५ के प्रवचन में ‘ॐ कृष्णायै नम: - १ (Om Krishnayai Namah - 1) ’ इस बारे में बताया।
सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ०५ मई २००५ के पितृवचनम् में ‘अहंकार हमारा सबसे बड़ा शत्रु है(Ego is our biggest enemy)’ इस बारे में बताया।
‘कट्टरवाद तथा चरमसीमा की वामपंथी विचारधारा फ्रेंच समाज को पूरी तरह निगलती चली जा रही है। इससे विश्वविद्यालय भी सुरक्षित नहीं रहे हैं’,
सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ०७ अक्टूबर २०१० के पितृवचनम् में ‘सच्चिदानन्द सद्गुरुतत्त्व(Satchidanand Sadgurutattva)’ इस बारे में बताया।
सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ०७ अक्टूबर २०१० के पितृवचनम् में ‘जीवन में अनुशासन (discipline in life) का महत्त्व’ इस बारे में बताया।
गुरु-आज्ञा-परिपालनं, सर्वश्रेयस्करं। गुरु-आज्ञा का पालन करना ही सबसे श्रेष्ठ, श्रेयस्कर चीज़ है। सर्वश्रेय यानी सर्व बेस्ट जो है, वो हमें किससे प्राप्त
Human mind made from subtle essence of food | ‘मनुष्य का मन अन्न के तरल भाग से बनता है’ इस बारे में सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने बताया।