श्री मूलार्कगणेश
परमपूज्य सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापू ने 4 सितंबर 2012 को, अधिक भाद्रपद मास की अंगारक संकष्ट चतुर्थी के दिन श्रीमूलार्क-गणेश की स्थापना श्रीअनिरुध्द गुरुक्षेत्रम् में की।
परमपूज्य सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापू ने 4 सितंबर 2012 को, अधिक भाद्रपद मास की अंगारक संकष्ट चतुर्थी के दिन श्रीमूलार्क-गणेश की स्थापना श्रीअनिरुध्द गुरुक्षेत्रम् में की।
सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ३१ मार्च २०१६ के पितृवचनम् में ‘समय के साथ चलो (Move with the times) ’ इस बारे में बताया।
‘श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि’ इस चौपाई के बारे में हमारे सद्गुरु श्री अनिरुद्ध ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।
सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने पितृवचनम् में ‘हर एक इन्सान के पास एक क्षीरसागर होता है(Everyone Has the ksheersagar inside him)’ इस बारे में बताया।
सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ०७ अक्टूबर २०१० के पितृवचनम् में ‘जीवन में अनुशासन (discipline in life) का महत्त्व’ इस बारे में बताया।
सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ०७ अक्टूबर २०१० के पितृवचनम् में ‘जीवन में अनुशासन का महत्त्व (The importance of discipline in life)’ इस बारे में बताया।
सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने १५ अप्रैल २०१० के पितृवचनम् में ‘चरणसंवाहन’ के बारे में बताया। बस्, उसके चरणों में सर रखेंगे ही, उसके पैर दबायेंगे।
Aniruddha Bapu explains us the importance of Bhakti
Sadguru Shree Aniruddha’s Pitruvachan (Part 2) – 07 March 2019
जिंदगी में....कहीं भी ज़्यादा जल्दी मत करना। जहाँ जल्दी की आवश्यकता नहीं है, वहाँ जल्दी नहीं करना। गाड़ी या बाईक, four wheeler, two wheeler चला रहे हैं,