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हरि ॐ, इस गुरुवार को यानी दिनांक १४ दिसंबर २०१७ को परमपूज्य सद्‌गुरु श्रीअनिरुद्ध एक महत्त्वपूर्ण विषय पर विडियो क्लिपिंग के माध्यम से श्रीहरिगुरुग्राम में श्रद्धावानों के साथ संवाद करनेवाले हैं। यह किसी भी प्रकार की योजना न होकर, सभी श्रद्धावानों के लिए यह ‘मोठी आई’ (माँ चण्डिका) का सुंदर वरदान होगा। कृपया सभी श्रद्धावान इस पर ग़ौर करें। हरि ॐ, या गुरुवारी म्हणजेच दिनांक १४ डिसेंबर २०१७ रोजी परमपूज्य

श्रीचण्डिका एक्झाल्टेशन आर्मी के प्रशिक्षण की नई बॅच

हरि ॐ. गुरुवार, दि. १७ मार्च २०१७ को सद्‍गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचन के बाद एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण सूचना की। इस सूचना में, ‘रामराज्य’ संकल्पना का एक अंग रहनेवाली ‘श्रीचण्डिका एक्झाल्टेशन आर्मी’ के प्रशिक्षण वर्ग की दूसरी बॅच जल्द ही शुरू की जायेगी, ऐसा बापू ने घोषित किया। अगले गुरुवार, यानी दि. २३ मार्च २०१७ को, इस प्रशिक्षण वर्ग के प्रवेश के लिए आवश्यक फॉर्म्स, श्रीहरिगुरुग्राम में एक काउंटर पर

Aniruddha Bapu told in his Pitruvachanam dated 14 Jan 2016 that, 'Mother Chandika resides in all beings in the form of Sleep'

परमपूज्य सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने १४ जनवरी २०१६ के पितृवचनम् में  ‘सब जीवों में रहने वाली निद्रा यह भी माँ चण्डिका का रुप है, इस बारे में बताया।  कुछ लोग भूल ही जाते हैं, पूरे दिन, सातों दिन हफ्ते के, महिने के तीस के तीस, इकत्तिस जो दिन हैं, साल के सारे के सारे दिन मुँह खट्टा करके जीते हैं। कभी भी देखो, चेहरा ऐसा ही बना रहता है।

he Shraddhavan is connected to Chandikakul

परमपूज्य सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ७ एप्रिल २०१६ के पितृवचनम् में ‘श्रद्धावान यह चण्डिकाकुल से जुडा ही है’ इस बारे में बताया। माँ भगवती और उसका जो बेटा है त्रिविक्रम, वो हमारा मन बदलने के लिये सारी सहायता करता है। हमारी बुद्धी को और ताकद देता है, हमारे मन को और सामर्थ्य देता है, हमारे प्राणों में ऐसे ‘बदलाव’ करते हैं, जिससे हम मन कंट्रोल कर सके। लेकिन मन

स्वस्तिक्षेम संवादम्‌ - दिव्य चण्डिकाकुल के साथ संवाद (Swastikshem Samvadam - The Conversation with the divine Chandikakul) - Aniruddha Bapu

परमपूज्य सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ७ एप्रिल २०१६ के पितृवचनम् में ‘स्वस्तिक्षेम संवादम्‌ यह दिव्य चण्डिकाकुल के साथ किया जानेवाला संवाद है’ इस बारे में बताया। अनिरुध्द बापू ने कहा कि अभी हम स्वस्तिक्षेम संवादम्‌ करने जा रहे हैं। फिर एक बार मै बताता हूं कि स्वस्तिक्षेम संवादम्‌ क्या है? हर एक व्यक्ति अपने मन में, अपने मन की जो भी बात करना चाहता हो, इस चण्डिकाकुल के किसी

श्रीमंगलचण्डिका प्रपत्ती

गत ५ वर्षों से श्रद्धावान महिलाएँ परमपूज्य सद्गुरु श्री (अनिरुद्ध) बापू के मार्गदर्शन में हर्षोल्लास के साथ  ‘श्रीमंगलचण्डिका प्रपत्ती’ कर रही हैं। ‘प्रपत्ती’ यानी आपत्तिनिवारण करनेवाली शरणागति। जैसा कि बापू ने कहा है, ‘श्रीचण्डिका उपासना’ यह रामराज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। बापू के कहेनुसार, माँ जगदम्बा की, महिषासुरमर्दिनी की उपासना करने पर ही अशुभ का नाश हो जाता है, अशुभ दूर हो जाता है और यश एवं पराक्रम की

Aniruddha Bapu Pravachan on Ranachandika Prapatti

परमपूज्य सद्‍गुरू श्री अनिरुद्ध बापूंनी २८ जुलै २०११ च्या मराठी प्रवचनात ‘रणचण्डिका प्रपत्ती’(Ranachandika Prapatti) बद्दल माहिती दिली. रणचण्डिका प्रपत्ती ही फक्त सोळा वर्षांवरील पुरुषांनी करावयाची आहे. सर्व पुरूष मंडळींनी आपले काम धाम सांभाळून श्रावण (Shravan) महिन्याच्या प्रत्येक सोमवारी ही रणचण्डिका प्रपत्ती करावी. कमीत कमी एक सोमवार तरी करावी, दोन सोमवार केली तर आनंद आहे, सगळेच्या सगळे सोमवार केली तर अधिकच आनंद आहे. पण प्रत्येक पुरूषाने निदान एक सोमवार तरी नक्कीच श्रावणातील

मोठी आई (आदिमाता चण्डिका) शंखाच्या माध्यमातून आमच्या प्रार्थना ऐकते  (Aadimata Chandika hears our prayers through shankha (conch)) - Aniruddha Bapu‬ ‪

परम पूज्य सद्‍गुरू श्री अनिरुद्ध बापूंनी त्यांच्या २५ जून २०१५ च्या मराठी प्रवचनात ‘मोठी आई (आदिमाता चण्डिका) शंखाच्या माध्यमातून आमच्या प्रार्थना ऐकते’ याबाबत सांगितले. शंख (conch) लहानशा आवाचाचे रूपांतर मोठ्या आवाजात करतो. दिवसातून एकदा तरी शंख(conch) वाजविला तरी चांगले आहे त्यामुळे दूषित स्पन्दने (वायब्रेशन्स्‌) निघून जातील; कारण पवित्र स्पंदने निर्माण करून अपवित्र स्पंदनांचा नाश करणे हे शंखाचे मूळ कार्य आहे. या शंखामुळे, जो मनापासून प्रार्थना करेल त्याचे चुकून किंवा अनवधानाने