रशिया-यूक्रेन जंग और उसके परिणाम

तीसरा विश्‍वयुद्ध शुरू हुआ तो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होगा

रशिया-यूक्रेन जंग और उसके परिणाम

किव/मास्को – तीसरा विश्‍वयुद्ध शुरू हुआ तो इसमें परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा और यह युद्ध अतिभंयकर संहार करेगा, ऐसा दहलानेवाला इशारा रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव ने दिया। रशिया ने अपनी नौसेना की परमाणु पनडुब्बी के समावेश के साथ युद्धाभ्यास शुरू करके यह इशारा खोखला ना होने की बात भी दिखाई। इसके अलावा यूक्रैन को हथियारों की आपूर्ति करने का ऐलान करनेवाले अमरीका और नाटो पर हमले हो सकते हैं, यह इशारा भी रशिया ने दिया। साथ ही अमरीका और अन्य देशों द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों पर प्रत्युत्तर देनेवाले प्रतिबंध रशिया ने भी लगाए हैं। 

यूक्रैन की राजधानी किव को घेरने के साथ ही रशिया ने यूक्रैन के खारकिव शहर पर हमले तेज़ किए। रशियन सेना के पैराट्रूपर्स खारकिव में उतरे हैं। अगले कुछ ही घंटों में रशिया खारकिव पर कब्ज़ा करके यूक्रैन का प्रतिकार तोड़ सकती है, ऐसे स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे हैं। तथा, अमरीका और नाटो ने यूक्रैन की सेना एवं जनता को हथियार प्रदान करने का ऐलान किया है। अमरीका, नाटो के सदस्य देशों ने इस तरह यूक्रैन का संघर्ष अधिक तीव्र किया तो इसकी गूंज सुनाई देगी, यह इशारा रशिया ने दिया है। अमरीका-नाटो से प्रदान होनेवाले इन हथियारों के भंड़ारों पर जोरदार हमले किए जाएंगे, यह चेतावनी रशिया दे रही है।

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यूरोपिय देशों के साथ अमरीका की रशिया के खिलाफ आक्रामक रणनीति - रशिया को सुरक्षा परिषद से बाहर खदेड़ने की तैयारी

रशिया-यूक्रेन जंग और उसके परिणाम

संयुक्त राष्ट्रसंघ – यूक्रैन पर हमला करनेवाली रशिया के खिलाफ सीधे युद्ध का ऐलान किए बिना अमरीका और नाटो ने आर्थिक, राजनीतिक एवं रणनीतिक नज़रिये से रशिया को घेरने के आक्रामक निर्णय करने का सिलसिला शुरू किया है| यूरोपिय महासंघ ने यूक्रैन को सदस्यता देने की तैयारी की है| तो, अमरीका और ब्रिटेन ने रशिया को संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद से बाहर खदेड़ने के इशारे दिए हैं| इस वजह से यूक्रैन युद्ध के अधिक भीषण परिणाम सामने आने लगे हैं और इसका प्रभाव सारे विश्‍व पर पडेगा, यह भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है| 

रशियन सेना ने यूक्रैन की राजधानी किव को घेरा है और खारकिव शहर पर हमले तेज़ किए हैं| किव के उपनगर में रशियन सेना दाखिल होने के वीडियोज् प्रसिद्ध हुए हैं| रशियन सेना ने किव के नागरिकों को सुरक्षा के लिए कुछ सूचनाएँ जारी की हैं| इसकी वजह से किव छोड़ने के लिए जल्दबाजी की जा रही है| इस बीच खारकिव में रशिया के हमले में यूक्रैन की सेना के अलावा जनता का भी नुकसान हुआ दिख रहा है| यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ने यह रशिया का आतंकवाद होने की आलोचना की है| यह कोई नहीं भूलेगा और इसके लिए क्षमा नहीं है, ऐसा यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की ने कहा है|

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रशिया पश्चिमी देशों के साथ राजनीतिक संबंध तोड़ेगा – रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सिक्युरिटी काऊन्सिल के उपाध्यक्ष

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मॉस्को – ‘पश्चिमी देशों के साथ राजनीतिक संबंध तोड़कर रशिया पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों का जल्द ही प्रत्युत्तर दिया जाएगा। पश्चिमी देशों की रशिया में स्थित संपत्ति फ्रिज की जाएगी। साथ ही, अमरीका के साथ किए परमाणु हथियार विषयक समझौते से भी रशिया किनारा करेगा’, ऐसी चेतावनी रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और रशियन सिक्युरिटी काऊन्सिल के उपाध्यक्ष दिमित्रि मेदवेदेव्ह ने दिया है। 

पिछले हफ्ते में रशिया ने युक्रेन में सेना घुसाने के बाद अमरीका और पश्चिमी मित्रदेशों ने रशिया पर कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की। रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन समेत सरकार के वरिष्ठ नेता, सरकार से जुड़े अरबपति, उद्यमी, बैंक्स और व्यापारी वर्ग इन पर अमरीका, ब्रिटेन और युरोपीय महासंघ ने प्रतिबंध घोषित किए थे। साथ ही, रशिया की सेमीकंडक्टर और सेना से जुड़ीं कंपनियों को भी पश्चिमी देशों ने इन प्रतिबंधों में लक्ष्य किया था।

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जर्मनी के चान्सलर शोल्ज़ ने रक्षा नीति में बड़े बदलाव का किया ऐलान – २०२२ में रक्षाबलों के लिए कुल १०० अरब यूरो का प्रावधान

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बर्लिन – रशिया का यूक्रैन पर हमला होने से नया पर्व शुरू हुआ है, यह इशारा देते हुए जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्ज़ ने जर्मनी की रक्षा नीति के बड़े बदलावों का ऐलान किया| इसमें जर्मनी का रक्षा खर्च जीडीपी के दो प्रतिशत से अधिक करने हेतु नए आर्थिक प्रावधानों का ऐलान किया गया है| इसके अलावा, यूक्रैन के साथ अन्य देशों को हथियारों की आपूर्ति करने का वादा भी इसमें है| अमरिकी निर्माण के ‘एफ-३५’ लड़ाकू विमान भी जर्मनी खरीदेगा, यह जानकारी चान्सलर शोल्ज़ ने दी| यह सारे मुद्दे जर्मनी द्वारा अपनी रक्षा नीति में आक्रामक बदलाव करने की बात दर्शा रहे हैं| 

रविवार को रशिया ने यूक्रैन पर किए हमले के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए जर्मन संसद का विशेष सत्र हुआ| इस दौरान चान्सलर शोल्ज़ ने रशिया की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की| साथ ही, रक्षा नीति में किए गए बदलाव की भी जानकारी साझा की| ‘रशिया का यूक्रैन पर हमला एक नए पर्व की शुरूआत है| यूक्रैन पर हमला करके रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन एक देश नक्शे से मिटाने की कोशिश कर रहे हैं| यूरोप की सुरक्षा का ढ़ांचा तबाह किया जा रहा है’, ऐसी आलोचना जर्मन चान्सलर ने इस दौरान की|

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युक्रेन में युद्ध की भीषणता बढ़ी - राजधानी कीव की सड़कों पर संघर्ष भड़का

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कीव – युक्रेन में युद्ध अधिक से अधिक भीषण बनता चला जा रहा होकर, तीसरे दिन भी रशिया के युक्रेन पर हमलों की तीव्रता अधिक ही बढ़ी दिखाई दे रही है। युक्रेन की सेना रशिया का प्रतिकार कर रही है, ऐसे दावे इस देश के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने किए हैं। वहीं, युक्रेन की राजधानी कीव पर पूरा कब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ रही रशियन सेना के साथ युक्रेन के जवान सड़कों पर लड़ रहे हैं, ऐसी खबरें आ रही हैं। ऐसी परिस्थिति में युक्रेन पर हमला करने की बहुत ही बड़ी कीमत रशिया को चुकानी पड़ें इसलिए अमरीका और नाटो ने युक्रेन को करोड़ों डॉलर की लष्करी सहायता प्रदान करने का फ़ैसला किया है।

रशियन हवाई बल के विमान गिराने के दावे युक्रेन की सेना ने किए। इतना ही नहीं, बल्कि रशिया के कीव पर किये आक्रमण को युक्रेन की सेना द्वारा कड़ा प्रतिकार किया जा रहा है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने कहा है। राजधानी कीव पर कब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ रही रशियन सेना को युक्रेनी सेना ने बीच में ही रोकने के दावे किए जाते हैं। कीव की सड़कों पर ज़बरदस्त संघर्ष भड़का है ऐसा माध्यमों का कहना है। साथ ही, रशिया ने युक्रेन की रिहायशी बस्तियों को लक्ष्य करनेवाली हवाई हमले किए होकर, इनमें आम लोगों की जान जाने के आरोप हो रहे हैं। लेकिन रशिया ने, रिहायशी बस्तियों को लक्ष्य किया नहीं जा रहा है, ऐसा कहते हुए इन आरोपों को ठुकराया है। युक्रेन की सेना ने रशिया के विमान गिराने के झूठे वीडियोज जारी करने का दोषारोपण रशिया ने किया है।

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