भारत और अमरीका के बीच बढ़ता तनाव

भारत किसी को भी खूष करने के निर्णय नहीं करेगा – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – यूक्रैन का युद्ध रोककर चर्चा शुरू करने पर सबका ध्यान केंद्रीत होना चाहिये| इसके लिए भारत ने यूक्रैन युद्ध पर अपनायी भूमिका सबसे बेहतर हैं’, ऐसा कहकर विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने फिर एक बार भारत ने अपनायी तटस्थ भूमिका का समर्थन किया| साथ ही यूक्रैन के मुद्दे पर भारत को उपदेश और इशारें दे रहीं अमरीका और अन्य पश्‍चिमी देशों की परवाह नहीं करेंगे, यह भी विदेशमंत्री जयशंकर ने रायसेना डायलॉग में स्पष्ट किया हैं| भारत किसी को भी खूष करनेवाले निर्णय नहीं करेगा और विश्‍व की स्वीकृति पाने की भी कोशिश नहीं करेगा, ऐसा इशारा जयशंकर ने भारत की आलोचना करनेवालों को दिया|

रायसेना डायलॉग में यूक्रैन पर भारत ने अपनाई भूमिका पर बार बार सवाल किए जा रहे हैं| हर बार विदेशमंत्री ने इसपर पर्याप्त जवाब दिए| बुधवार को भी जयशंकर ने यूक्रैन युद्ध रोककर चर्चा शुरू करनेपर ध्यान आकर्षित करना होगा, यह इशारा दिया| भारत काफी पहले से यह भूमिका रख रहा हैं, इस बात पर भी जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया| लेकिन, अमरीका और यूरोपिय देश युक्रैन का युद्ध खत्म करने के बजाय इसे लंबा चलाने की कोशिश में होने के आरोप हो रहे हैं| इसका दाखिला विदेशमंत्री ने अपने बयान में दिया दिख रहा हैं| साथ ही भारत को दुर्बलता दिखाकर विश्‍व की मंजूरी पाने की कोई भी ज़रूरत नहीं| जो हम नहीं हैं, उसे दिखाने की कोशिश भारत ना करें| इसके बजाय आप जैसें हैं, उसी पद्धती से विश्‍व से बात करना भारत के पक्ष में होता हैं| अब विश्‍व को खुष करने की ज़रूरत भारत को नहीं रहीं| वह समय बीत गया हैं, ऐसा जयशंकर ने आगे कहा|

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‘क्वाड’ में भारत के लिए विकल्प के तौर अमरीका देगी दक्षिण कोरिया को स्थान – दक्षिण कोरिया की वृत्तसंस्था का दावा

सेऊल – रशिया के खिलाफ होने के लिए हमारे दबाव का भारत पर असर नहीं होता देखकर अमरीका अब अलग चाल चलने की तैयारी कर रही है| ‘क्वाड’ में अब तक के सबसे अहम भागीदार देश के तौर पर भारत का ज़िक्र करनेवाली अमरीका अब भारत के विकल्प के तौर पर दक्षिण कोरिया की ओर देख रही है| दक्षिण कोरिया की वृत्तसंस्था ने इसकी खबर जारी की है| इससे बायडेन प्रशासन के भारत विरोधी दांव फिर से सामने आए हैं|

‘क्वाड’दक्षिण कोरिया में चुनाव हुए और इसमें यून सूक-येओल जैसे आक्रामक नेता विजयी हुए हैं| उत्तर कोरिया और चीन के खिलाफ सूक-येओल ने काफी जहाल भूमिका अपनाई है| ऐसी स्थिति में अमरीका का बायडेन प्रशासन सूक-येओल के नेतृत्व में आनेवाले दक्षिण कोरिया को क्वाड से सहयोग करने का प्रस्ताव दे रहा है| अधिकृत स्तर पर अभी इसकी किसी ने पुष्टी नहीं की है| लेकिन, रशिया और भारत के संबंधों से नाराज़ हुई अमरीका क्वाड में भारत के लिए विकल्प के तौर पर दक्षिण कोरिया को देख रही है, ऐसे दावे दक्षिण कोरिया की एक वृत्तसंस्था ने किए हैं|

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केंद्रीय अर्थमंत्री सीतारामन का अमरीका को इशारा वॉशिंग्टन – भारत के रशिया के साथ जारी रक्षा सहयोग रोकना ही हमारा ध्ये होने की बात अमरिकी रक्षा मुख्यलय पेंटॅगॉन ने कबुली हैं| पेंटॅगॉन के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने यह ऐलान किया| इसके ज़रिये आगे के दिनों में रशिया के साथ भारत के जारी सहयोग पर अमरीका अधिक सख्त निर्णय करेगी, यह संकेत किरबाय ने दिए हैं| साथ ही अमरीका को भारत की अहमियत स्वीकार हैं, यह कहकर भारत के साथ मित्रता करना अमरीका के लिए अहम हैं, यह बयान करके किरबान ने स्थिति को संभाला| लेकिन, सच में अमरीका को भारत की मित्रता चाहिये हैं तो मित्रदेश को कमज़ोर करने की कोशिश अमरीका को छोड़ देनी होगी, ऐसी फटकार भारत की अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने लगाई हैं|

वैश्‍विक बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की बैठक के लिए केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन अमरीका के दौरे पर हैं| इससे पहले भारत और अमरीका की टू प्लस टू चर्चा के लिए विदेशमंत्री एस.जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अमरीका के दौरे पर थे| इस दौरान भारत रशिया से खरीद रहें ईंधन का मुद्दा अमरीका ने उठाया था| इसपर विदेशमंत्री जयशंकर ने करारा प्रत्युत्तर दिया| भारत से कई गुना ज्यादा ईंधन यूरोपिय देश रशिया से खरीद रहे हैं, इस पर ध्यान देने के लिए अमरीका तैयार नहीं हैं| इस दोगले पन पर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया था| साथ ही भारत ने रशिया से खरीदी हवाई सुरक्षा यंत्रणा के बाद भारत पर प्रतिबंध लगाने हैं या नहीं, यह पुरी तरह से अमरीका ही तय करें, ऐसा जयशंकर ने कहा था|

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अमरिकी सांसद की भारत ने की आलोचना वॉशिंग्टन – भारत के रशिया के साथ जारी रक्षा सहयोग रोकना ही हमारा ध्ये होने की बात अमरिकी रक्षा मुख्यलय पेंटॅगॉन ने कबुली हैं| पेंटॅगॉन के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने यह ऐलान किया| इसके ज़रिये आगे के दिनों में रशिया के साथ भारत के जारी सहयोग पर अमरीका अधिक सख्त निर्णय करेगी, यह संकेत किरबाय ने दिए हैं| साथ ही अमरीका को भारत की अहमियत स्वीकार हैं, यह कहकर भारत के साथ मित्रता करना अमरीका के लिए अहम हैं, यह बयान करके किरबान ने स्थिति को संभाला| लेकिन, सच में अमरीका को भारत की मित्रता चाहिये हैं तो मित्रदेश को कमज़ोर करने की कोशिश अमरीका को छोड़ देनी होगी, ऐसी फटकार भारत की अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने लगाई हैं|

वैश्‍विक बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की बैठक के लिए केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन अमरीका के दौरे पर हैं| इससे पहले भारत और अमरीका की टू प्लस टू चर्चा के लिए विदेशमंत्री एस.जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अमरीका के दौरे पर थे| इस दौरान भारत रशिया से खरीद रहें ईंधन का मुद्दा अमरीका ने उठाया था| इसपर विदेशमंत्री जयशंकर ने करारा प्रत्युत्तर दिया| भारत से कई गुना ज्यादा ईंधन यूरोपिय देश रशिया से खरीद रहे हैं, इस पर ध्यान देने के लिए अमरीका तैयार नहीं हैं| इस दोगले पन पर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया था| साथ ही भारत ने रशिया से खरीदी हवाई सुरक्षा यंत्रणा के बाद भारत पर प्रतिबंध लगाने हैं या नहीं, यह पुरी तरह से अमरीका ही तय करें, ऐसा जयशंकर ने कहा था|

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अमरीका के दबाव की परवाह किए बिना रशियन ईंधन की खरीद भारत दोगुनी बढ़ाएगा

नई दिल्ली/मास्को – अमरीका के इशारें और धमकियॉं मिलने के बावजूद भारत ने रशिया से अधिक मात्रा में ईंधन खरीदने की तैयारी जुटाई हैं| साथ ही भारत रशिया से कोयला खरीदने की भी सोच रहा हैं, ऐसीं खबरें हैं| अमरीका की परवाह किए बिना देशहित के निर्णय कर रहें भारत की रशिया के विदेशमंत्री ने सराहना की हैं| काफी कम देशों को ऐसी निड़रता दिखाना मुमकिन होता हैं, ऐसी फटकार रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव ने लगाई हैं|

रशिया से ईंधन खरीदना भारत के हित का नहीं, ऐसा इशारा अमरिकी रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने दिया था| अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने भी ऐसें ही शब्दों में भारत को रशिया के साथ जारी कारोबार को लेकर इशारा दिया था| अमरीका के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलिप सिंह ने भारत के रशिया के साथ जारी कारोबार के गंभीर परिणाम होंगे, ऐसा बयान करके सीधा धमकाया था| लेकिन, भारत महीने भर में रशिया से जितना ईंधन खरीदता हैं, उतना ही ईंधन यूरोपिय देश आधे दिन में रशिया से खरीदते हैं, ऐसा कहकर भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने अमरीका की दोगली नीति पर बिल्कुल सटिकता से ध्यान आकर्षित किया था| अधिक पढे: http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/india-double-russian-fuel-purchases-89378/