राधाजी और श्रीलक्ष्मी ये भक्तमाता आह्लादिनी के ही दो रूप हैं (Radhaji and ShreeLakshmi are two forms of Bhaktamata Aalhadini) - Aniruddha Bapu Hindi Discourse 25 March 2004

भक्तमाता श्रीलक्ष्मी स्वयं ऐश्वर्य स्वरूपा हैं, वहीं भक्तमाता राधाजी ऐश्वर्य की जननी हैं । सागर और सागर का जल, सूर्य और सूर्यप्रकाश ये जिस तरह अलग नहीं हैं, उसी तरह राधाजी और श्रीलक्ष्मीजी अलग नहीं हैं । राधाजी और श्रीलक्ष्मी ये भक्तमाता आह्लादिनी के ही दो स्वरूप हैं, इस बारे में परम पूज्य सद्‌गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने २५ मार्च २००४ के प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l

॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥