पिपासा-३ प्रकाशन सोहळा

आज सद्गुरु श्रीअनिरुद्धांच्या, दैनिक ‘प्रत्यक्ष’मध्ये प्रकाशित होणाऱ्या ‘स्वयंभगवान श्रीत्रिविक्रमा’बद्दलच्या अग्रलेखांतून आपल्याला ‘भक्तिभाव चैतन्या’विषयी, त्याच्या सर्वोच्च श्रेष्ठतेविषयी आणि मानवजीवनातील त्याच्या आवश्यकतेविषयी माहिती होतच आहे. पण जेव्हा हा ‘भक्तिभाव चैतन्य’ शब्द आपल्याला माहीतही नव्हता, तेव्हादेखील श्रद्धावानाला ‘पिपासा’ संग्रहातील अभंगांनी ‘भक्तिभाव चैतन्यातच’ चिंब भिजवून टाकले होते. थकलेल्या, क्लांत मनाला शांत करून नवी उभारी देण्याची ताकद ह्या ‘पिपासा’मध्ये आहे. “ ‘पिपासा’च्या अभंगांनी आमचा भक्तिविषयक दृष्टिकोन, नव्हे एकंदर जीवनाविषयीचा दृष्टिकोनच आमूलाग्र बदलून गेला व मुख्य म्हणजे जीवनातही सकारात्मक बदल घडले” असा ‘अनुभव’ सांगणारे असंख्य श्रद्धावान आपल्याला भेटतात.

ह्या ‘पिपासा’चे पिपासा-१ व पिपासा-२ असे दोन अभंगसंग्रह आतापर्यंत प्रकाशित झालेले आहेत. हे दोन्ही अभंगसंग्रह श्रद्धावानांच्या ‘मर्मबंधातली ठेव’च आहेत; आणि आता हा प्रवास अधिक पुढे, अधिक उंचावर नेण्यासाठी, श्रद्धावानांना ‘भक्तिभाव चैतन्या’त अधिकच चिंब भिजवण्यासाठी येत आहे - ‘पिपासा-३’ हा नवीन अभंगसंग्रह!

अगोदर घोषित केल्याप्रमाणे गुरुवार दि. २५-१०-२०१८ रोजी श्रीहरिगुरुग्राम येथे ‘पिपासा-३’ अभंगसंग्रह प्रकाशित होणार आहे. श्रीहरिगुरुग्रामच्या मैदानात होणारा हा प्रकाशनाचा कार्यक्रम म्हणजे ‘लाईव्ह इव्हेन्ट’ असेल, ज्यामध्ये ह्या संग्रहातील १० निवडक अभंग प्रत्यक्ष परमपूज्य बापूंच्या उपस्थितीत स्टेजवरून संपूर्ण वाद्यवृंदाच्या साथीने गायले जाणार आहेत!

ह्याच दिवशी पिपासा-३ अल्बम सर्व श्रद्धावानांसाठीही उपलब्ध असेल. आजच्या प्रचलित तंत्रज्ञानाच्या सहायाने अर्थात ‘ऍप’च्या स्वरूपात हा संग्रह असेल. ऍपच्या माध्यमातून असल्यामुळे जगभरातील सर्व श्रद्धावानांसाठी एकाच वेळेस हा उपलब्ध झालेला असेल. मात्र ऍपचे नाव गुरुवारीच सर्व श्रद्धावानांसाठी खुले होईल. सुरुवातीला अँड्रॉईड फोन मध्ये हे ऍप डाऊनलोड करता येईल व आठवडाभरातच iOS (आयफोन-आयपॅड) करिताही हे ऍप उपलब्ध होईल.

खरंच, सर्व श्रद्धावानांकरिता पर्वणीच असा हा सोहळा असेल कारण परमपूज्य अनिरुद्धांच्या सान्निध्यात सर्व श्रद्धावानांना ह्या भक्तिभाव चैतन्याचा आनंद लुटता येईल.

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आज सद्गुरु श्रीअनिरुद्धजी के, ‘स्वयंभगवान श्रीत्रिविक्रम’ के बारे में दैनिक ‘प्रत्यक्ष’ में प्रकाशित हो रहे अग्रलेखों के द्वारा ‘भक्तिभाव चैतन्य’ के बारे में, उसकी सर्वोच्च श्रेष्ठता के बारे में और मानवजीवन में होनेवाली उसकी आवश्यकता के बारे में हम जान ही रहे हैं। लेकिन जब ये ‘भक्तिभाव चैतन्य’ शब्द हमें ज्ञात भी नहीं थे, तब भी श्रद्धावानों को ‘पिपासा’ संग्रह के अभंगों ने ‘भक्तिभाव चैतन्य’ में ही सराबोर कर दिया था। थके-माँदे, क्लान्त मन को शान्त कर, उसे नये उत्साह के साथ भर देने की ताकत इस ‘पिपासा’ में है। “ ‘पिपासा’ के अभंगों ने हमारे भक्तिविषयक दृष्टिकोण में ही नहीं, बल्कि कुल मिलाकर जीवनविषयक दृष्टिकोण में ही आमूलाग्र परिवर्तन किया और मुख्य बात, जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आये” ऐसा ‘अनुभव’ बतानेवाले अनगिनत श्रद्धावान हम देखते हैं।

इस ‘पिपासा’ के पिपासा-१ और पिपासा-२ ऐसे दो अभंगसंग्रह अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। ये दोनों अभंगसंग्रह यानी श्रद्धावानों ने ‘मन में सँभालकर रखा हुआ खज़ाना’ ही है; और अब इस प्रवास को और आगे, अधिक ऊँचाई पर ले जाने के लिए, श्रद्धावानों को ‘भक्तिभाव चैतन्य’ में अधिक ही सराबोर करने के लिए आ रहा है - ‘पिपासा-३’ यह नया अभंगसंग्रह!

इससे पहले घोषित कियेनुसार गुरुवार दि. २५-१०-२०१८ को श्रीहरिगुरुग्राम में ‘पिपासा-३’ अभंगसंग्रह प्रकाशित होनेवाला है। श्रीहरिगुरुग्राम के मैदान में होनेवाला यह प्रकाशनसमारोह ‘लाईव्ह इव्हेन्ट’ होगा, जिसमें इस संग्रह के १० चुनिन्दा अभंग, प्रत्यक्ष परमपूज्य बापूजी की उपस्थिति में, स्टेज पर पूरे वाद्यवृंद की साथसंगत में गाये जायेंगे!

इसी दिन पिपासा-३ अल्बम सभी श्रद्धावानों के लिए भी उपलब्ध किया जायेगा। आज के प्रचलित तंत्रज्ञान की सहायता से यानी ‘ऍप’ के रूप में यह संग्रह होगा। ऍप के माध्यम से होने के कारण, दुनियाभर के सभी श्रद्धावानों को एक ही समय यह उपलब्ध हुआ होगा। लेकिन ऍप का नाम गुरुवार को ही सभी श्रद्धावान जान सकेंगे। शुरू में अँड्रॉईड फोन के लिए इस ऍप को डाऊनलोड कर सकते हैं और हफ़्ते भर में ही iOS (आयफोन-आयपॅड) के लिए भी यह ऍप उपलब्ध होगा।

सभी श्रद्धावानों के लिए वास्तविक रूप में ‘स्वर्णिम अवसर’ ऐसा यह समारोह होगा, क्योंकि परमपूज्य अनिरुद्धजी की उपस्थिति में सभी श्रद्धावान इस भक्तिभाव चैतन्य का आनंद उठा सकते हैं।

॥ हरि ॐ ॥ श्रीराम ॥ अंबज्ञ ॥ ॥ नाथसंविध् ॥