पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन - ०३ ( ब्रह्मजल ) [Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation - 03 (Brahmajal)] - Aniruddha Bapu

पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन - ०३ ( ब्रह्मजल ) [Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation - 03 (Brahmajal)] - Aniruddha Bapu

परमपूज्य सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ०९ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में ‘पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन - ०३ ( ब्रह्मजल )’ इस बारे में बताया।

मूलाधार चक्र में कौन है? गणेशजी हैं, स्वाधिष्ठान चक्र में कौन हैं, प्रजापति ब्रह्मा हैं। स्वाधिष्ठान चक्र किसके साथ जुडा हुआ है? जल के साथ। मूलाधार चक्र पृथ्वी तत्व के साथ जुडा हुआ है। स्वाधिष्ठान चक्र जलतत्व के साथ जुडा हुआ है। 

और ये जल क्या है? कपि - कं जलं पिबति इति कपि:। कि जो जल को हम जैसे पीते हैं वैसे कपि जल नहीं पीता। ये जो कपि यानी मैं साधे मर्कट की बात नहीं कर रहा हूँ। ये हनुमानजी की बात है। क ब्रह्म, जो ब्रह्मजल प्राशन करता है, वो कपिवर है। वो कौन है? हनुमान जी है। और ब्रह्मजल यानी क्या? तो नवनिर्मिति का साधन।

आज के scientists भी मानते हैं कि सृष्टी की निर्मिति कहां हुई, तो जल में हुई। यानी जीव कि निर्मिति। सृष्टी की यानी जीव कि निर्मिति कहां हुई? तो जल में हुई। so, ये ब्रह्मजल प्राशन करनेवाला कौन है? हनुमानजी हैं। हनुमानजी से ही, हनुमानजी ने क्या किया था? एक छलांग में समुद्र पार किया था। उसी समुद्र का शोषण करनेवाले सूर्य को खा जाने के लिये जनम के बाद क्या किया था? आकाश में छलांग मारी थी। हनुमानजी का रिश्ता जल के साथ कितना अतूट है, ये हम जान सकते हैं।

ब्रह्मजल प्राशन करनेवाला हनुमान उसके पंचमुखहनुमत्कवच जो है, वो मैंने बताया है, पहले भी दिन मैने वो बात कर दी कि ये हनुमत्कवच क्या करता है, हमारे पंचज्ञानेंद्रिय, पंचकर्मेंद्रिय, पंचमहाभूत, पंचतन्मात्रा ये सभी जो पंच पंच जो है, उसके लिए क्या है, प्रभावशाली सिद्ध होता है। हमारे प्राणों के लिये, हमारे ज्ञानेंद्रियों के लिये, हमारे कर्मेंद्रियों के लिये, इतना ही नहीं, तो हमारे पाँच अगले जन्म और पाँच पिछले जन्मों के लिये भी। श्रीपंचमुखहनुमत्कवच बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।

 

॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥

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