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चरणसंवाहन - भाग २ (Serving the Lord’s feet - Part 2)

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्धजी ने १५ अप्रैल २०१० के पितृवचनम् में ‘चरणसंवाहन’ के बारे में बताया। अपनी दोनों हाथों से भगवान के, सद्‍गुरु की चरण संवाहना करो। हेमाडपंतजी हमें पूरे दिल से कह रहे हैं कि भाई, अभिवंदना करो और चरणसंवाहन कैसे करो? अभिसंवाहन करो। उसके पैर की जब हम सेवा करते हैं, चरणों की सेवा करते हैं, फोटों में, तसबीर में, मूर्ती में जो भी हैं तो वही है ये

पंतप्रधानांनी केलेल्या आवाहनाला प्रतिसाद देताना

पंतप्रधानांनी केलेल्या आवाहनाला प्रतिसाद देऊन कोरोना-व्हायरस वरील युद्धामध्ये अत्यावश्यक सेवा देत असलेल्यांना धन्यवाद व्यक्त करताना ‘हॅपी होम’ येथील दृश्य.        

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रक्षादल प्रगत करने के लिए रहेगी सर्वोच्च प्राथमिकता – रक्षादल प्रमुख जनरल बिपीन रावत नई दिल्ली – तीनों रक्षादलों को संतुलित मात्रा में प्रगत करने के लिए अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी, यह बयान रक्षादल प्रमुख जनरल बिपीन रावत ने किया है| केंद्रीय बजट पेश किया गया है और इसमें रक्षाखर्च के लिए किए प्रावधान पर जनरल रावत ने संतोष व्यक्त किया है| साथ ही जरूरत होने पर रक्षादलों के लिए

‘अल्फा टू ओमेगा’ न्युजलेटर - जनवरी २०२०

जनवरी २०२० संपादकीय हरि ॐ श्रद्धावान सिंह और वीरा, आपको और आपके परिजनों को नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूँ। परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी की कृपा से हम सभी ने अनिरुद्ध भक्तिभाव चैतन्य मनाते हुए सन २०२० में कदम रखा है। मुझे यकीन है कि हम सभी अब भी ३१ दिसंबर २०१९ के उन सुंदर यादों में डूबे हुए हैं जो कि हमने सद्गुरू श्री अनिरुद्धजी पर रचे गए

Aniruddha Bhaktibhav Chaitanya

हरि ॐ, सभी श्रद्धावान यह जानते ही हैं कि मंगलवार, दि. ३१ दिसम्बर २०१९ के दिन, पद्मश्री डॉ. डी. वाय. पाटील स्टेडियम, नेरुळ, नयी मुंबई में “अनिरुद्ध भक्तिभाव चैतन्य” इस महासत्संग का आयोजन किया गया है। इस महासत्संग के लिए अन्य सभी श्रद्धावानों के साथ ही, “श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम्‌”, “साईनिवास” तथा “गुरुकुल – जुईनगर” के अधिकांश श्रद्धावान कार्यकर्ता सेवक भी सम्मिलित होनेवाले हैं। इस कारण मंगलवार, दि. ३१ दिसम्बर २०१९ के

Aniruddha Bhaktibhav Chaitanya

डिसेंबर २०१९ संपादकीय हरि ॐ श्रद्धावान सिंह, वेळ हा चुटकी वाजवल्यासारखा क्षणात उडून जातो. आपण सर्वजण प्रत्यक्ष अनुभवणार असलेला अनिरुध्द भक्तिभाव चैतन्य हा महासत्संग सोहळा अगदी काही आठवड्यांवर येऊन ठेपला आहे. ह्या भव्य सोहळ्याची सर्व तयारी अत्यंत जोशात सुरु आहे. १८ नोव्हेंबर – म्हणजे आपल्या लाडक्या सदगुरु श्री अनिरुध्दांचा वाढदिवस! त्यामुळेच नोव्हेंबर महिना हा प्रत्येक श्रध्दावानासाठी अगदी विशेष महत्त्वाचा असतो. त्रिपुरारी पौर्णिमेच्या अत्यंत पवित्र दिवशी सद्गुरु श्री अनिरुध्दांचा जन्म झाला.

अनिरुध्द भक्तिभाव चैतन्य

बर २०१९ संपादकीय हरि ॐ सिंह एवं वीरा, अक्टूबर के महीने में हमने अशुभनाशिनी नवरात्रि, विजयादशमी उत्सव, श्री धनलक्ष्मी उत्सव और श्रीयन्त्र पूजन, यह उत्सव मनाये। इसी मास में दिवाली का उत्सव भी मनाये जाने के कारण, वातावरण में आध्यात्मिक परिपूर्णता के अतिरिक्त भी त्यौहार मानने के जोश को चार चाँद लगा गए। श्रीयन्त्र धनलक्ष्मी पूजन उत्सव में भाग लेते समय, सद्गुरु अनिरुद्धजी के श्रद्धावान मित्रों ने लड्डू, चिवड़ा, चकली,

Bapu Always Protects His Children

हरि ॐ, सभी श्रद्धावान यह जानते ही हैं कि प्रथम पुरुषार्थ अनिरुद्ध धाम का निर्माणकार्य डुडुळ गाव, पुणे-आळंदी रोड यहाँ संपन्न हो रहा है। आज तक इस पुरुषार्थ धाम के निर्माणकार्य में सेवावृत्ति से सम्मिलित होने के लिए कई श्रद्धावान वहाँ पर उत्साह के साथ चले आते थे। फिलहाल यह निर्माणकार्य अंतिम चरण में पहुँच गया है और अब वहाँ की आध्यात्मिक पवित्रता तथा शुचिता को क़ायम रखना आवश्यक है।

अंतरिक्ष और विज्ञान से जुडी रोचक खबरें

लर्कर्स परग्रहवासी पृथ्वी पर नजर रखकर है – शोधकर्ता बेनफोर्ड का दावा वॉशिंगटन – ‘‘लर्कर्स’ परग्रहवासी अंतरिक्ष से पृथ्वीपर नजर रखकर है’, यह इशारा नामांकित शोधकर्ता जेम्स बेनफोर्ड ने दिया है| ‘द एस्ट्रॉनॉमिकल जर्नल’ में प्रसिद्ध हुए अपने प्रबंध के जरिए बेनफोर्ड ने यह सनसनीखेज दावा किया| ‘पृथ्वी से करीब होनेवाले उल्का एवं लघुग्रहों का इस्तेमाल अपने ठिकाने के तौर पर करके यह ‘लर्कर्स’ पृथ्वी पर काफी बारीकी से नजर

ईको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियां

सप्टेंबर २०१९ संपादकीय, हरि ॐ श्रद्धावान वीरा श्रावणाचा पवित्र महिना येणार्‍या उत्सवांची चाहूल देतो आणि आध्यात्मिक वातावरणही बळकट करतो. या श्रावण महिन्यात श्रध्दावानांना दरवर्षी सामुहिक घोरकष्टोध्दरण स्तोत्र पठण करण्याची, महादुर्गेश्वर प्रपत्ती करण्याची आणि अश्वत्थ मारुती पूजनात सहभागी होण्याची संधी मिळते. या सगळ्याबरोबरच यावर्षापासून श्रावणात ’शिव सह-परिवार पूजन’ करण्याची अतिशय सुंदर संधी श्रध्दावानांना मिळाली. श्रध्दावानांना अनेकविध मार्गांनी आपल्या परमेश्वराप्रती असणारी कृतज्ञता व्यक्त करता येते त्याची आपण थोडक्यात माहिती घेऊ. – समिरसिंह