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परमाणु संघर्ष का बढ़ता खतरा

परमाणु युद्ध में किसी की भी जीत नहीं होगी – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन  संयुक्त राष्ट्र – परमाणु युद्ध कभी भी छिड़ना नहीं चाहिये, क्योंकि इस युद्ध में किसी की भी जीत नहीं होगी, इसका अहसास रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने कराया। सोमवार से न्यूयॉर्क में शुरू हुए परमाणु हथियारों के प्रसार बंदी समझौते संबंधित बैठक की पृष्ठभूमि पर पुतिन ने एक खत जारी किया। इसमें उन्होंने परमाणु

ईरान से जुड़ा खतरा बढ़ने लगा

परमाणु कार्यक्रम पर तनाव बढ़ने की स्थिति में अमरीका और ईरान के युद्धपोत आमने-सामने वॉशिंग्टन/तेहरान – ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर जारी बातचीत स्थगित होने से अमरीका और ईरान के बीच तनाव बढ़ रहा है और इसी दौरान दोनों देशों के युद्धपोत खतरनाक तरिके से आमने-सामने आने की घटना सामने आयी है। अमरीका के ‘फिफ्थ फ्लीट’ ने इस घटना की जानकारी प्रदान की है। इसके अनुसार अमरिकी युद्धपोत होर्मूझ की

ताइवान मसले से जुडी गतिविधियों में तेजी

साउथ चाइना सी में चीन को प्रत्युत्तर देने के लिए ताइवान ने पनडुब्बी तैनात की तैपई/बीजिंग – ताइवान पर हमला करने के लिए चीन द्वारा बनाई जानेवालीं योजनाएँ और उसके लिए जारी आक्रामक हरकतों की पृष्ठभूमि पर, ताइवान ने ‘साऊथ चाइना सी’ में पनडुब्बी तैनात की है। ताइवान के रक्षा विभाग ने जारी की रिपोर्ट से यह बात सामने आई। ताइवान में अपनी पनडुब्बी ‘स्प्रार्टले आयलंड’ के पास के ‘तायपिंग

भारत के रक्षा क्षेत्र से जुडी गतिविधियां

चीन और पाकिस्तान का एक ही समय सामना करने के लिए वायुसेना सुसज्जित – भारत के नए वायुसेना प्रमुख का संदेश नई दिल्ली – चीन और पाकिस्तान का एक ही समय सामना करने की पूरी सिद्धता भारत की वायुसेना ने रखी है, ऐसा संदेश नए वायुसेना प्रमुख विवेक राम चौधरी ने दिया। लद्दाख के दक्षिणी भाग के पास होनेवाले तिब्बत में चीन ने भारी मात्रा में तैनाती बढ़ाई होकर, चीन

जीवन में अनुशासन का महत्त्व - भाग २

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ०७ अक्टूबर २०१० के पितृवचनम् में ‘जीवन में अनुशासन का महत्त्व’ इस बारे में बताया। सो, डिसीप्लीन जो है, जो अनुशासन है, हमारे जिंदगी में हर पल के लिए आवश्यक है। लेकिन ये अनुशासन, डिसीप्लिन अपने जीवन में रखने के लिए हमें बहोत सारी ताकद चाहिए। दूसरे को अनुशासन सिखाना है, अपने हाथ के नीचे जो काम कर रहे हैं, अपने अंडर जो काम कर रहे

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रक्षादल प्रगत करने के लिए रहेगी सर्वोच्च प्राथमिकता – रक्षादल प्रमुख जनरल बिपीन रावत नई दिल्ली – तीनों रक्षादलों को संतुलित मात्रा में प्रगत करने के लिए अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी, यह बयान रक्षादल प्रमुख जनरल बिपीन रावत ने किया है| केंद्रीय बजट पेश किया गया है और इसमें रक्षाखर्च के लिए किए प्रावधान पर जनरल रावत ने संतोष व्यक्त किया है| साथ ही जरूरत होने पर रक्षादलों के लिए

अनिरुध्द भक्तिभाव चैतन्य

बर २०१९ संपादकीय हरि ॐ सिंह एवं वीरा, अक्टूबर के महीने में हमने अशुभनाशिनी नवरात्रि, विजयादशमी उत्सव, श्री धनलक्ष्मी उत्सव और श्रीयन्त्र पूजन, यह उत्सव मनाये। इसी मास में दिवाली का उत्सव भी मनाये जाने के कारण, वातावरण में आध्यात्मिक परिपूर्णता के अतिरिक्त भी त्यौहार मानने के जोश को चार चाँद लगा गए। श्रीयन्त्र धनलक्ष्मी पूजन उत्सव में भाग लेते समय, सद्गुरु अनिरुद्धजी के श्रद्धावान मित्रों ने लड्डू, चिवड़ा, चकली,

रामनाम बही का कम से कम एक पन्ना प्रतिदिन लिखिए - ०२

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने २० अप्रैल २०१७ के प्रवचन में ‘रामनाम बही का कम से कम एक पन्ना प्रतिदिन लिखिए’ (Write at least one page of Ramnaam book daily – 02) इस बारे में बताया।   स्वाधिष्ठान चक्र क्या देता है? फाऊंडेशन फ़ॉर्म करता है। फाऊंडेशन यानी हिंदी में क्या कहेंगे? पाया मराठी में कहते हैं, हिंदी में? नींव रखते हैं, नींव। तो मूलाधार चक्र हर चीज की नींव

Sadguru Shree Aniruddha’s Pitruvachan (Part 1) – 21 March 2019

हरी ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्‌. नाथसंविध्‌. नाथसंविध्‌. So, होली खेलकर आये हुए हैं बहुत लोग। खेले कि नहीं खेले? खेले…नहीं खेले…क्यों? [आपके साथ खेलना था] अरे भाई, मैं तो बुढ्ढा हो चुका हूँ, कहाँ होली खेलनी हैं। रंग नहीं खेलते आप लोग? क्यों? जो नहीं खेला होगा, वो हात ऊपर करें। जिन्होंने रंग खेला, वो लोग हाथ ऊपर करें। Very good, ऍब्सोल्युटली, मस्त, क्लास। बाकी लोग क्यों नहीं खेले? हमारी

Sadguru Shree Aniruddha’s Pitruvachan (Part 1) – 07 March 2019

॥ हरि: ॐ ॥ श्रीराम ॥ अंबज्ञ ॥ ॥ नाथसंविध्‌ ॥ नाथसंविध्‌ ॥ नाथसंविध्‌ ॥ हररोज कई बार हमारे मन में एक सवाल उठता है – ‘क्यों?’ यह ‘क्यों’ हुआ? ऐसा ‘क्यों’ हुआ? ऐसा ‘क्यों’ नहीं हुआ? ‘Why?’ ‘Why?’ ‘Why?’ Whole life we are facing this problem – ‘Why’? पूरी ज़िन्दगी हम लोग इस सवाल के साथ जूझते रहते हैं – ‘Why’; and we never get answer. हमें कभी जवाब