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मृत्यु पर विजय

आज के दौर में दुनिया भर में घटित हो रहीं घटनाओं को देखकर आम आदमी का मानवता पर का विश्वास ही उठने लगता है। हिंसा, ख़ुदगर्ज़ी, दांभिकता, मक़्क़ारी, झूठापन ये अवगुण ही मानो इस कलियुग में दुनिया का उसूल बन रहे हैं। जो इन्सान नेकी से जीने की कोशिश करते हैं, उन्हें दक़ियानुसी क़रार दिया जाता है। जहाँ देखो, वहाँ निराशाजनक दृष्य ही दिखायी देता है। ऐसी निराश परिस्थिति में

Kolhapur Medical and Healthcare Camp 2016 – 3

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोल्हापूर ज़िले के विविध गावोंमें मेडिकल एवं हेल्थकेअर कॅम्प का आयोजन किया गया था। इस कॅम्प ९०,००० स्क्वे. फि. के का क्षेत्रफल में फैला हुआ था। इस कॅम्प की हमेशा ही इन गावोंमें प्रतिक्षा की जाती है। इस सारे इलाके मे कुल ८५ गावो के लगभग ६०,००० गाववासीयों को यह कॅम्प समग्र स्वास्थ्य सेवा दिलाता है। वैद्यकीय एवं आरोग्यसेवा की अनेक शाखाएं, जैसे;

बंध नायलॉनचे

पूर्वी एकत्र कुटुंबपद्धतीमध्ये माणसांमधील नात्यांची वीण घट्ट होती. पण आताच्या या वेगवान आयुष्यात कुठेतरी ही वीण विरत चालली आहे आणि ती घट्ट ठेवण्यासाठी माणसाला कधी कधी कुत्रिम गोष्टींचा आधार घ्यावा लागतो. ह्याच पार्श्‍वभूमीवर आम्ही सर्वांनी एक उत्कृष्ट चित्रपट बघितला तो म्हणजे ’बंध नायलॉनचे’. जतीन वागळे यांचे सुंदर दिग्दर्शन, महेश आणि मेघा मांजरेकर यांचा दूहेरी भूमीकेमधील जबरदस्त अभिनय व त्यांना सुबोध भावे, श्रृती मराठे, सुनील बर्वे, संजय नार्वेकर तसेच बालकलाकार प्रांजल

ग्रो विथ द फेसबुक पेज

एक लडकी ने घरेलु कपडे सिलने का व्यवसाय शुरु किया। उसे पैसोंकी काफी आवश्यकता होने के कारण वह दिन-रात घर पर ही टलरिंग का काम किया करती थी। परन्तु तब तक उसे केवल उसके एरिया के ही काम मिला करते थे। जो पर्याप्त नहीं थे। उसे अपने काम का विस्तार करना था। परन्तु उसके लिये विज्ञापन देने की आवश्यकता थी। किन्तु उसके पास विज्ञापन देने के लिए आवश्यक धन नहीं

विश्व को थर्रानेवाली ‘ आयएस ’ - भाग 3

यह जस्मिन रिवोल्यूशन या अरब स्प्रिंग देखते ही देखते ट्युनिशिया से इजिप्त, लिबीया, सिरिया इन देशों में तूफान की तरह फैल गया। हालांकि यह बहुत ही भिन्न विषय है, मगर ट्युनिशिया, इजिप्त और लिबिया इन देशों में कई दशकों से जनता को पैरोंतले रौंदनेवाले हुकूमशाहों की सल्तनत इस आंदोलन की वजह से और उसके बाद खूनी संघर्ष की वजह से पलट गई। सीरिया में अस्साद सल्तनत के विरोध में जारी

डस्ट बोल – भाग ​२​

  सबराहन देश माने जाने वाले इथिओपियाने तो पिछली सदी से ही अनेक दुर्भिक्षों का सामना किया है और अब भी कर ही रहा है| परन्तु सुदान के साथ केनिया, सोमालिया जैसे देश भी पिछले दो वर्षों में दुर्भिक्ष्य के कारण झुलस गये हैं| इन चारों ही देशों के अनेक हिस्सों में जिन लोगों को अन्न के लिए त्राहि-त्राहि करते हुए प्राण गंवाने पड़े हैं, वे छूट गए आज यह

"नित्य उपासना" और "हरिगुरु गुणसंकीर्तन" का अनन्यसाधारण महत्व - (The importance of "Daily Prayers" & "Hariguru Gunasankirtan") - Aniruddha Bapu Pitruvachanam 31st Dec 2015

नये साल का स्वागत करते समय, ३१ दिसंबर २०१५, गुरुवार के दिन सद्‌गुरु बापू ने अपने पितृवचन में, अगले साल याने २०१६ साल में “नित्य उपासना” (daily prayers) और “हरिगुरु गुणसंकीर्तन” के अनन्यसाधारण महत्व को विशद किया था। इस पितृवचन का महत्वपूर्ण भाग संक्षिप्त रूप में मेरे श्रद्धावान मित्रों के लिए इस पोस्ट के द्वारा मैं दे रहा हूँ। “अभी २०१६ साल चंद घण्टों में शुरु होनेवाला है । हर

डस्ट बोल - भाग १

  कुछ महीने पूर्व इंटरनेट पर एक छायाचित्र (तस्वीर) उभरकर दिखायी दे रही थी। उस समय उस पर्दे पर चल रहा दृश्य कुछ इस प्रकार था कि एक छोटे से प्रवासी जहाज के पिछली ओर इंजिन के पास में होनेवाले छोटे से स्थान पर दो व्यक्ति अपना संतुलन बनाये संभलकर बैठे थे। उनका संतुलन यदि जरा सा भी ढ़ल जाता तो, पानी में गिरकर अथवा उस इंजिन के ज़कड़ में

श्री दुर्गा भगवती आराधना

काल मंगळवार, दिनांक २२ डिसेंबर २०१५ रोजी श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम्‌मध्ये “श्री दुर्गा भगवती आराधना (श्रीयंत्र महाभिषेक पूजन)” हा सोहळा अत्यंत मंगलमय व भक्तीपूर्ण वातावरणात संपन्न झाला. पूर्ण वेदोक्त पद्धतीने व नंदाईंच्या उपस्थितीत होणार्‍या ह्या पूजन व अभिषेक सोहळ्याची सुरुवात सकाळी ९.०० वाजता शांतीपाठाने झाली.  ह्या सोहळ्याचे प्रमुख वैशिषट्य होते ते पूजनस्थळी विराजमान झालेले, एरव्ही परमपूज्य बापूंच्या निवासस्थानी देवघरामध्ये असलेले व विशेष पद्धतीने घडवून घेतलेले पंचधातूचे त्रिमितीय श्रीयंत्र. सकाळी ११.०० ते दुपारी

पराम्बा पूजन (Paramba Poojan)

 अश्विन नवरात्रीतील सप्तमीचा दिवस ! ह्या दिवशी परमपूज्य बापूंच्या घरी मोठ्या आईचे “पराम्बा पूजन” केले जाते. ह्या वर्षीही हे पूजन नेहमीच्या उत्साही वातावरणात संपन्न झाले. बापू, नंदाई व सुचितदादांचे मोठ्या आईवरील नितांत प्रेम, तिच्या सहवासाची आणि तिला आळविण्याची नितांत आर्तता, ह्या सर्वांची अनुभूती ह्या दिवशी आम्ही सर्वांनी घेतली. मोठ्या आईच्या कृपेमुळे आम्हा काही श्रद्धावानांना हे सुंदर पूजन प्रत्यक्ष पाहण्याचे भाग्य लाभले आणि त्याचप्रमाणे अनेक श्रद्धावानांनी फेसबुक आदि सोशल मिडियाच्या माध्यमातून