महाभाव-स्वरूपा राधाजी के सहस्र नामों में से प्रत्येक नाम की महिमा स्पष्ट करते हुए सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापु अपने प्रत्येक प्रवचन में ’भक्तिमार्ग पर भक्तमाता राधाजी अपने बच्चों के लिए यानी श्रद्धावानों के लिए किस तरह सक्रिय रहती हैं’, यह भी विशद करते थे । ’ॐ रां राधायै राधिकायै रमादेव्यै नम:’ इस मन्त्र का जप ’राधासहस्रनाम’ पर आधारित प्रत्येक हिन्दी प्रवचन के बाद सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापु स्वयं करते थे और श्रद्धावान भी उनके साथ इस जप में सम्मिलित होते थे । यह जप आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥