भारतीय अर्थव्यवस्था और तकनिकी क्षेत्र से जुडी खबरें

एक दशक बाद भारतीय अर्थव्यवस्था दस ट्रिलियन डॉलर्स की होगी – प्रमुख आर्थिक सलाहकार का दावा

नई दिल्ली – ‘फिलहाल ३.३ ट्रिलियन डॉलर्स की होनेवाली भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक वर्ष २०२६-२७ में पांच ट्रिलियन डॉलर्स की हो जाएगीऔर आर्थिक वर्ष २०३३-३४ के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था छलांग लगाकर दस ट्रिलियन डॉलर्स की हो जाएगी’, ऐसा विश्‍वास प्रमुख आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्‍वर ने व्यक्त किया हैं। कोरोना की महामारी के कारण बनी स्थिति और इसके बाद शुरू हुए यूक्रेन युद्ध की वजह से विश्‍वभर के सभी प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्था संकटों से घिरी हैं और ऐसें में भारत आश्‍वासक गति से प्रगति कर रहा हैं, यह बात विश्‍वभर के विश्‍लेषक स्वीकार कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर नागेश्‍वर ने व्यक्त किया यह विश्‍वास ध्यान आकर्षित कर रहा है।

मई महीने में भारतीय व्यापार की निर्यात ने करीबन २०.५५ प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज़ की है। अगले समय में यह निर्यात अधिक बढ़ेगी, ऐसें दावे किए जा रहे हैं। भारत में विदेशी निवेश की भी बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से पुरे विश्‍व के प्रमुख देश भारत के साथ मुक्त व्यापारी समझौता करने के लिए विशेष उत्सुकता दिखा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश एवं वैश्‍विक बैंक ने भी यह दावे किए हैं कि, मौजूदा वित्तीय वर्ष में ‘जी-२०’ देशों में से भारत सबसे अधिक गति से प्रगति करेगा। इसके अलावा कोरोना की महामारी हटने के बाद तेज़ गति से सामान स्तर पर आनेवाले देशों की अर्थव्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे आगे होने का बयान अमरिकी कोषागार विभाग ने किया था।

 

आनेवाले दिनों में भारत ने ‘स्पेस टेक्नॉलॉजी’ क्षेत्र में प्राप्त की हुई क्षमता का अहसास पूरे विश्व को होगा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

अहमदाबाद – आयटी क्षेत्र में भारत ने प्राप्त किए सामर्थ्य का अनुभव पूरा विश्व कर रहा है। आनेवाले दिनों में भारत की अंतरिक्ष संबंधित क्षमता का अहसास विश्व को होगा। ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया। ‘इंडियन स्पेस प्रमोशन ऐण्ड ऑथराइजेशन सेंटर’ (इनस्पेस) के अहमदाबाद स्थित केंदीय केंद्र का उद्घाटन करते समय प्रधानमंत्री ने यह विश्वास व्यक्त किया। ‘इनस्पेस’ देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में क्रांती लाने की क्षमता रखता है, यह दावा प्रधानमंत्री ने किया। साथ ही अंतरिक्ष अनुसंधान में इसके आगे निजी उद्योगों को भी अवसर प्राप्त होगा और इससे संबंधित नीति का जल्द ही ऐलान किया जाएगा, यह जानकारी प्रधानमंत्री ने इस दौरान साझा की। 

आनेवाले समय में स्पेस यानी अंतरिक्ष और सी यानी समुद्री क्षेत्र सबसे ज्यादा अहम साबित होगा। आज तक अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के अभियान इस्रो द्वारा चलाए जा रहे थे और निजी क्षेत्र को सिर्फ सप्लायर के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन, आनेवाले समय में अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को बड़ा अवसर प्रदान किया जाएगा। बड़ी कल्पनाओं के बिना बड़े विजेता बनाए नहीं जा सकते। हमारे देश में काफी बड़ी क्षमता है और सीमित कोशिश से इसका पूरा इस्तेमाल नहीं हो सकता, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को अवसर प्रदान करने की योजना का समर्थन किया।

 

अगले १८ महीनों में दस लाख लोगों को भरती करने के लिए प्रधानमंत्री ने दिए मंत्रालयों को आदेश

भारतीय अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली – अगले डेढ़ साल में तकरीबन दस लाख लोगों को भरती करने के आदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रालयों को दिए हैं। इससे संबंधित प्लैन प्रधानमंत्री ने विभिन्न मंत्रालयों से माँगे हैं और अगले १८ महीनों में इस भरती की जोरदार मुहिम चलाने की सूचना प्रधानमंत्री ने दी है। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री दफ्तर ने इससे संबंधित जानकारी साझा की। इस वजह से सरकारी नौकरी की प्रतिक्षा कर रहे देश के युवाओं में उत्साह का माहौल है।

केंद्र सरकार के नागरी विभाग के कर्मचारियों की संख्या १ मार्च, २०२० को ३१.९१ लाख थी। वास्तव में यह संख्या ४०.७८ लाख होने की उम्मीद थी। कोरोना महामारी के चलते भरती की प्रक्रिया प्रभावित होने से यह स्थिति बनती दिख रही है। इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री ने अगले १८ महीनों में सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में आवश्यक दस लाख लोगों की भरती करने के आदेश दिए हैं। इसे प्राथमिकता देने की सूचना भी प्रधानमंत्री ने मंत्रालयों को दी है।

 

सबसे ज्यादा विदेशी निवेश आकर्षित करनेवाले पहले दस देशों में भारत का समावेश – संयुक्त राष्ट्रसंघ की रपट

संयुक्त राष्ट्रसंघ – साल २०२० में भारत में ६४ अरब डॉलर्स का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ था। लेकिन, साल २०२१ में इसमें १९ अरब डॉलर्स गिरावट होने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ४५ अरब डॉलर्स रहा। यह बात भारतीय अर्थव्यवस्था की चिंता बढ़ानेवाली होने के दावे किए जा रहे थे। लेकिन, विदेशी निवेश में इतनी बड़ी गिरावट के बावजूद वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा निवेष आकर्षित करनेवाले पहले दस देशों में भारत का स्थान है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘ट्रेड ऐण्ड डेवलपमेंट’ विभाग ने यह जानकारी साझा की। 

‘ट्रेड ऐण्ड डेवलपमेंट’ की ‘वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट’ में भारत में हो रहे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की जानकारी का ब्यौरा दिया गया है। साल २०२१ में अमरीका, चीन, हाँगकाँग, सिंगापुर, कनाड़ा और ब्राज़िल के बाद सबसे ज्यादा निवेश आगर्षित करनेवाले देशों में भारत ने स्थान पाया है। इसके अलावा साल २०२१ में भारत में तकरीबन १०८ बड़े प्रकल्पों का ऐलान हुआ। इनमें से २३ प्रकल्प अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े हैं। पहले के दस सालों में भारत में हर साल औसतन ऐसे २० बड़े प्रकल्पों का ऐलान होता था। लेकिन, एक ही साल में १०८ बड़े प्रकल्पों का ऐलान करके भारत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया, ऐसा वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट कह रही है।

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