भारत की रक्षाविषयक सज्जता

मालदीव के सागरी क्षेत्र में भारत और मालदीव के नौदल की संयुक्त गश्ती

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माले: हिंद महासागर में मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र में भारत और मालदीव के नौदल संयुक्त गश्ती करने वाले हैं पिछले कई वर्षों में मालदीव पर चीन का प्रभाव बढ़ा है। तथा ३ महीनों में मालदीव में इमरजेंसी के बाद यह देश चीन के पक्ष से अधिक झुकता दिखाई दे रहा है। इस पृष्ठभूमि पर दोनों देशों के नौदल के संयुक्त गश्ती का यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मालदीव के सागरी क्षेत्र में भारतीय नौदल की आयएनएस सुमेधा यह युद्धनौका संयुक्त गश्ती में शामिल हुई है। तथा वहां भारत और मालदीव के नौदल का संयुक्त युद्धाभ्यास भी होनेवाला है। संयुक्त गश्ती और युद्धाभ्यास के माध्यम से मालदीव के ईईझेड सुरक्षा उपलब्ध कराने का भारतीय नौदल का प्रयत्न होने की बात नौदल के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कही है।

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पनडुब्बी से परमाणु हमला करने की क्षमता प्राप्त किये देशों में भारत का समावेश

नई दिल्ली: पनडुब्बियों से परमाणु शस्त्र दागनेवाला भारत यह दुनिया का पांचवा देश बना है। भारतीय रक्षा संशोधन एवं विकास संस्था ने (डीआरडीओ) ने विकसित किए बीओ-५ यह मिसाइल के परीक्षण पूर्ण हुए हैं और यह मिसाइल भारतीय नौसेना की ‘अरिहंत’ इस परमाणु पनडुब्बी पर तैनात होंगे, ऐसा वृत्त है। परमाणु विस्फोटक ले जाने की क्षमता होनेवाले मिसाइलों की तैनाती की वजह से भारत के परमाणु प्रति हमला करने की क्षमता में बड़ी तादाद में बढ़त हुई है। दिल्ली में डीआरडीओ का वार्षिक पुरस्कार समारोह हालही में संपन्न हुआ है। उस समय रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन उपस्थित थे। 

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दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली बार वायुसेना अंदमान निकोबार में लडाकू विमान तैनात करेगी

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नई दिल्ली: दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली बार अंदमान-निकोबार में स्थित भारतीय वायुसेना के अड्डों पर लडाकू विमान तैनात किए जाने वाले हैं। बदलती वैश्विक परिस्थिति और हिन्द महासागर में चीन की बढती गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर यह फैसला लिया गया है। इस वजह से मलाक्क्का, सुन्दा, लोम्बोक इन सामुद्रधुनियों के साथ साथ हिन्द महासागर के पश्चिम में स्थित क्षेत्र में भारत की रक्षा सिद्धता बढने वाली है। लड़ाकू विमानों की तैनाती के लिए ‘कार निकोबार’ और ‘कॅम्पबेल’ खाड़ी के पास स्थित वायुसेना के अड्डों को चुने जाने की खबर है। 

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