अमरीका और चीन के बीच बढता तनाव

अमरीका-चीन के बीच जारी तनाव के कारण नया शीतयुद्ध शुरू होगा – अमरिकी कुटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर

वॉशिंग्टन – अमरीका और चीन के बीच निर्माण हुआ तनाव विश्‍व की सबसे बड़ी समस्या साबित होती है। इस समस्या का हल निकालना संभव नहीं हुआ तो इससे पूरे विश्‍व के लिए खतरा निर्माण होगा। क्योंकि, यह तनाव कम करने में नाकामी हासिल हुई तो अमरीका और चीन के बीच अलग तरह का शीतयुद्ध शुरू होगा, ऐसा इशारा अमरीका के वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ हेनरी किसिंजर ने दिया है। पूरी मानवता नष्ट करने की क्षमता आज के दौर में मानव ने प्राप्त की है, इस ओर ध्यान आकर्षित करके किसिंजर ने अमरीका और चीन का शीतयुद्ध विश्‍व के लिए घातक साबित हो सकता है, यह इशारा दिया है।

हमने ७० वर्ष पहले कल्पना भी नहीं की होगी, इतनी तकनीकी प्रगति हुई है। परमाणु क्षमता के साथ ही अब अतिप्रगत तकनीक उपलब्ध हैं और आर्टिफिशल इंटेलिजन्स की वजह से यंत्र अब मानव का भागीदार बना है और यंत्र स्वतंत्र तौर पर मानव के लिए निर्णय भी कर सकता है, इस ओर किसिंजर ने ध्यान आकर्षित किया। ऐसे दौर में विश्‍व की शीर्ष और दूसरे पायदान की अर्थव्यवस्थाएं अमरीका और चीन के बीच शीतयुद्ध मानवता को खतरे में ड़ाल सकता है, ऐसी चिंता किसिंजर ने व्यक्त की।

आगे पढ़िये : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/new-cold-war-start-due-to-ongoing-tension-between-usa-china/ चीन-रशिया के प्रगत मिसाइल अमरिकी उपग्रहों को नष्ट कर सकते हैं – अमरिकी स्पेस फोर्स के प्रमुख का इशारा

वॉशिंग्टन – ‘ज़मीन, जल और वायू की तरह अब अंतरिक्ष भी युद्धक्षेत्र बन रहा है। इस क्षेत्र में काफी तेज़ी से विकसित हो रही तकनीक और चीन एवं रशिया के मिसाइलों की वजह से अंतरिक्ष में स्थित अमरिकी उपग्रहों के लिए खतरा निर्माण हुआ है’, ऐसा इशारा अमरीका की ‘स्पेस फोर्स’ के प्रमुख जनरल जॉन विल्यम रेमंड ने दिया। अमरिकी लष्करी अफसरों ने एवं विश्‍लेषकों ने इससे पहले भी चीन और रशिया से होनेवाले खतरों को लेकर इशारा दिया था।

अमरिकी सेना की गुप्तचर यंत्रणा ने बीते महीने सुरक्षा विषयक रपट जारी की थी। इसमें अंतरिक्ष में स्थापित अमरिकी उपग्रहों को होनेवाले खतरों को लेकर आगाह किया गया था। ‘चीन के उपग्रह विरोधी मिसाइल्स पृथ्वी की कक्षा में स्थापित उपग्रहों को नष्ट कर सकते हैं। इसके अलावा यह मिसाइल अंतरिक्ष में अमरिकी उपग्रहों के ऑप्टिकल सेंसर्स नाकाम कर सकते हैं। इससे यह उपग्रह बेकार हो सकते हैं’, ऐसा इस रपट में कहा गया था।

अमरीका-चीन संघर्ष टालना मुमकिन होगा – अमरिकी उप-रक्षामंत्री का दावा

वॉशिंग्टन – आर्थिक, लष्करी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में चीन की ताकत भारी मात्रा में बढ़ रही है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और इसमें मौजूद अमरीका के हितों को चीन आसानी से चुनौती दे सकता है, ऐसा बयान अमरीका की उप-रक्षामंत्री कैथलीन एच.हिक्स ने किया है। लेकिन, इन दावों के बावजूद अमरीका और चीन के संघर्ष से बचना संभव नहीं होगा, ऐसा नहीं है, यह दावा हिक्स ने किया है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की चीन संबंधी नीति के बिल्कुल विरोधी नीति के संकेत हिक्स के इस दावे से प्राप्त हो रहे हैं।

युद्ध के नगाड़ें बज रहे हैं, ऐसा कहकर ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ अफसर पेज़ुलो ने चीन से होनेवाला खतरा रेखांकित किया था। ऑस्ट्रेलिया को चीन के साथ जंग में उतरना होगा, यह बात पेज़ुलो ने चुनिंदा शब्दों में कही थी। चीन अपने लष्करी सामर्थ्य में भारी मात्रा में बढ़ोतरी कर रहा है, तथा वर्चस्व स्थापित करने की चीन की महत्वाकांक्षा भी विश्‍व के सामने स्पष्ट हो रही है। विश्‍व का कोई भी ज़िम्मेदार देश इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता, ऐसा कहकर कुछ ऑस्ट्रेलियन विश्‍लेषकों ने पेज़ुलो का समर्थन किया था।

आगे पढ़िये : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/conflict-us-china-avoided/ जापान-तैवान के करीब समुद्री क्षेत्र में अमरिकी और चीनी युद्धपोतों की तेज़ गतिविधियाँ

बीजिंग – अमरीका की ‘मस्टिन’ युद्धपोत ने कुछ हफ्ते पहले चीन की विमान वाहक युद्धपोत ‘लिओनिंग’ के सामने गश्‍त लगाई थी। इस कार्रवाई से गुस्सा हुए चीन ने जापान की खाड़ी में लिओनिंग की गश्‍त लगवाकर तैवान के समुद्री क्षेत्र के करीब युद्धाभ्यास किया था। अपने युद्धपोत की यह कार्रवाई अमरीका के लिए इशारा होने का दावा चीन के सरकारी मुखपत्र ने किया है। तभी, अमरीका के युद्धपोत ने हमारे युद्धाभ्यास में बाधाएँ निर्माण कीं, यह आरोप चीन कर रहा है।

अप्रैल के पहले हफ्ते में चीन की लिओनिंग युद्धपोत अपने विध्वंसकों के काफिले के साथ ईस्ट चायना सी क्षेत्र में गश्‍त लगा रही थी। उस समय अमरिकी नौसेना ने एक फोटो प्रसिद्ध किया था। अमरीका की ‘यूएसएस मस्टिन’ नामक युद्धपोत से मात्र एक मील दूरी से सफर करती ‘लिओनिंग’ की यह फोटो थी। अमरिकी युद्धपोत के कमांडर और सहायक कमांडर आराम से पैर फैलाकर चीनी युद्धपोत का सफर देखते हुए इस फोटो में दिखाई दे रहे थे।

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