अमरीका चीन संबधों में बढ़ता तनाव

चीन के नागरिकों के लिए अमरिका नए ‘मीडिया नेटवर्क’ का विकल्प देगी

वॉशिंगटन – चीन की हुकूमत से चलाए जा रहे माध्यमों को विकल्प देने के लिए स्वतंत्र ‘मीडिया नेटवर्क’ बनाने के संकेत अमरिका ने दिए है| फिलहाल अमरिका से संचलित हो रहे ‘व्हॉईस ऑफ अमरिका’ और ‘रेडिओ फ्री एशिया’ के जरिए इस विशेष ‘मीडिया नेटवर्क’ का निर्माण होगा|

चीन की जनता एवं दुनिया के अन्य हिस्सों में रहनेवाली चीन की जनता शासक कम्युनिस्ट हुकूमत से ही चलाए जा रहे माध्यमों के प्रभाव में है| इन माध्यमों से उन्हें केवल चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी के मुल्य और भूमिका से जुडी जानकारी ही प्रदान होती है और लगातार दुष्प्रचार ही होता है, यह दावा अमरिका ने अपने रपट में किया है|

नया ‘मीडिया नेटवर्क’ चीन के युवा वर्ग को आकर्षित करके कार्यरत रहेगा और इसमें चीन में रहनेवाले एवं विदेश में बसे चीन के युवकों का भी समावेश रहेगा| यह मीडिया नेटवर्क मैंडरिन भाषा में चलाया जाएगा, यह जानकारी ‘यूएस एजन्सी फॉर ग्लोबल’ मीडिया ने दी है| वर्तमान में इसका नाम ‘ग्लोबल मैंडरीन’ यह तय किया गया है और यह नया विकल्प होगा, यह संकेत सूत्रों ने दिए है|

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अमरिका है जागतिक अस्थिरता का सबसे बडा स्रोत – चीन के विदेशमंत्री ने की आलोचना

टोकियो: अमरिका यह जागतिक स्तर पर बनी अस्थिरता का सबसे बडा स्रोत होने की आलोचना चीन के विदेशमंत्री वैंग यी’ ने की हैसाथ ही अमरिका के कुछ नेता दुनिया के कोनेकोने में चीन को बदनाम करते घुम रहे हैयह आरोप भी विदेशमंत्री यी ने कियाअमरिका और चीन व्यापारी समझौते से काफी नजदिक होने के संकेत प्राप्त हो रहे है और इसी बीच चीन के विदेशमंत्री ने जी२०’ जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यासपीठ पर अमरिका के विरोध में की यह आलोचना ध्यान आकर्षित कर रही है|

पिछले कुछ दिनों में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इन दोनों प्रमुख नेताओं ने व्यापारी समझौते को लेकर सकारात्मक बयान किया थाट्रम्प ने इस समझौते की पृष्ठभूमि पर हॉंगकॉंग में चीन कर रही कार्रवाई के विरोध में पारित किए गए कानुन के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से इन्कार किया हैयह संकेत दिए गए हैराष्ट्राध्यक्ष के कुछ नजदिकी अफसरों ने भी व्यापारी समझौते की तैयारी लगभग पूरी होने के संकेत दिए है|

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चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी नाटो की नई शत्रु है – अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ

ब्रुसेल्स: सोवियत रशिया के विरोध में हुआ शीतयुद्ध नाटो ने ३० वर्ष पहले जीता थावह आजादी और जनतंत्र की जीत समझी जाती हैइन मुल्यों की रक्षा के लिए ही ७० वर्ष पहले नाटो का गठन हुआ थापर अब नाटो के सामने वैसी ही चुनौती खडी हुई हैचीन की शासक कम्युनिस्ट दल के साथ बुनियादी सिद्धांतों के विषय पर बने कडे मतभेद नाटो नजरअंदाज नही कर सकतीयह इशारा अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने दिया है|

अमरिका औड़ चीन के बीच जारी संघर्ष दोनों विश्‍वयुद्ध से भी भयंकर साबित होगायह चेतावनी अमरिका के भूतपूर्व विदेशमंत्री एवं ज्येष्ठ कुटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर ने दिया थादोनों देश इस बात का एहसास रखकर एकदुसरे के साथ बने मतभेद दूर करेंयह बयान किसिंजर ने किया थाअलग शब्दों में किसिंजर ने अमरिकी नेतृत्व को चीन के साथ बनी समस्या का हल निकालने के लिए बातचीत करने की सलाह दी थीपरनाटो की बैठक में बोलते समय अमरिका के वर्तमान के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी आजादी और जनतंत्र के लिए सोवियत रशिया की तरह ही खतरा बन रही हैइस बात पर ध्यान आकर्षित कियाइस वजह से चीन के साथ बुनियादी सिद्धांतों के मुद्दे पर बने गंभीर मतभेद अगले दिनों में तीव्र होंगेयह एहसास पोम्पिओ ने कराया है|

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अमरिका-चीन व्यापारयुद्ध लडाई में परिवर्तित होगा – अमरिकी ज्येष्ठ कुटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर की चेतावनी

बीजिंग – ‘अमरिका और चीन के बीच शुरू व्यापारयुद्ध अनियंत्रित तरिके से जारी रहा तो इसका असर यूरोप में हुए महायुद्ध से भी अधिक भयंकर होंगे| पहला विश्‍वयुद्ध काफी छोटी समझी जा रही समस्या से ही शुरू हुआ था| अब के दौर में हथियार अधिक ताकतवर बने है, इसका एहसास रखना होगा’, यह इशारा अमरिका के भूतपूव विदेशमंत्री एवं ज्येष्ठ कुटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर ने दिया है|

चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित ‘ब्लूमबर्ग न्यू इकॉनॉमी फोरम’ की चर्चासत्र में बोलते समय किसिंजर ने अमरिका के साथ पूरी दुनिया अभी भी शीतयुद्ध के प्रभाव से बाहर नही निकल सकी है, इसका एहसास कराया| अमरिका और चीन के बीच शुरू व्यापार युद्ध से बनी तनाव की स्थिति कुछ समय तक कायम रहने पर इसके पीछे होेनेवाले सियासी कारण खोजने की कोशिश होगी और दोनों देश इसपर हावी होने के लिए तैयार होंगे, यह उम्मीद भी अमरिकी कुटनीतिज्ञ ने व्यक्त की| मेरे नजरिए से सोचे तो ऐसी कोशिशों के लिए कोई भी समय देर हुई है, यह कहकर टाल नही सकते’, यह सलाह भी किसिंजर ने इस दौरान दी|

‘चीन यह बडी आर्थिक सत्ता का देश है और अमरिका भी आर्थिक सत्ता है|

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