परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ३ मार्च २०१६ के पितृवचनम् में’ ‘श्रीशिवगंगागौरी गदास्तोत्र की महिमा’ इस बारे में बताया।The Greatness of ShriShivaGangaGauriGadastotra
श्रीशिवगंगागौरी गदास्तोत्रम्। श्रीशिवगंगागौरी गदा, उसके हाथ में गदा रहती है ना, उसके बाजू में गदा रखी होती है। तो गदास्तोत्र। और ये जो है, इसमें जो कलियुग की जो कलि का प्रभाव बढ रहा है, ये वृत्र हम पर जो attack करता रहता है, हमारे बच्चे जो हैं, उनके पैर फिसल रहे हैं, हमारे बच्चे जो हैं उनके पढाई में अडचनें आ रही हैं।
जो भी किसी भी प्रकार के बुरे प्रभाव हैं, whether they are physical, whether they are environmental, whether they are psychological, whether they are vibrational कुछ भी हो जाये। किसी भी प्रकार के जो कुप्रभाव है, बुरे प्रभाव हैं, उनका नाश करने के लिये ये माता शिवगंगागौरी की स्तंभन गदा ही काम करनेवाली है।
ये नवश्लोकी है। नऊ श्लोकों का स्तोत्र है। हम लोग अपने घर में भी कह सकते हैं। बच्चों के सिर पर हाथ रखकर भी कह सकते हैं, जिससे कि बच्चों के दिमाग भी शांत होंगे, उनके मन में भी अच्छे vibrations आ जायेंगे।