अपराधभाव से स्वयं को मत कोसिये
(Don’t Curse Yourself By The Feeling Of Guilt)
अपने हाथों हुई गलती के लिए मन में पश्चात्ताप की भावना का होना यह स्वाभाविक और आवश्यक तो है, लेकिन अपनी गलती के लिए स्वयं को लगातार कोसते रहना यह मुनासिब नहीं है। ऐसा करने से वह मनुष्य अपने साथ साथ घर का भाव भी दुखी कर देता है। अपराधभाव की खाई में स्वयं को न गिराते हुए भक्तिमार्ग पर चलकर गलती को सुधारना चाहिए, इस बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १६ अक्टूबर २०१४ के हिंदी प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥
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Hari Om.
Since many days, I was thinking on these lines… but today after listening to these clip, my solution got confirmed. Bappa gives us the thoughts and with HIS grace only we can live life happily.
Ambadnya.