सद्गुरु महिमा – भाग १
सद्गुरु श्री अनिरुद्धने १५ अप्रैल २०१० के पितृवचनम् में ‘सद्गुरु महिमा’ इस बारे में बताया। साईनाथजी की महिमा हेमाडपंत लिख रहे हैं, हम लोग देख रहे हैं। हेमाडपंतजी ने हमें सद्गुरु क्या था, क्या होता है, कैसे होता है यह खुद की आँखों से देखा था, महसूस किया था और पूरी तरह से जान लिया था और सिर्फ जाना नहीं बल्कि जानने के साथ-साथ खुद को निछावर कर दिया