ऑनलाईन/डिजिटल रामनाम वही
ठीक तेरह साल पहले अगस्त २००५ में, सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध (परमपूज्य बापू) ने “अनिरुद्धाज् युनिवर्सल बँक ऑफ रामनाम” का शुभारंभ किया। श्रद्धावानों को प्रारब्ध से लड़ने की ताकत प्राप्त होकर, जीवन की समस्याओं को मात देने के लिए सहायता मिलें और उनके जीवन में सुखशांति क़ायम हों, इस हेतु से स्थापन हुआ यह अनोखा बँक अब श्रद्धावानों के लिए एक बेहतरीन उपहार लेकर आया है और वह है – ‘ऑनलाईन/डिजिटल रामनाम