“त्रिविक्रम अनंत नामावली” और “नवविधा भक्ति” इन विषयों पर होनेवाले पितृवचन के संदर्भ में सूचना
In his discourse dated 4th March 2010, Sadguru Shree Aniruddha Bapu talks about the genes present in the human body and on what basis they get activated in every individual. सद्गुरु अनिरुद्ध बापू आपल्या ४ मार्च २०१० च्या प्रवचनात मानवी शरीरात असलेल्या जनुकां विषयी बोलत आहेत. जनुका प्रत्येक व्यक्तीमध्ये कशा कार्यरत होतात हे सद्गुरु बापू आम्हाला ह्या प्रवचनात सांगतात. || हरि: ॐ || ||श्रीराम || || अंबज्ञ ||
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प्रतिबंध शिथिल करने के संकेत देकर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने प्रदर्शनकारियों पर की कार्रवाई – हाँगकाँग की जनता ने प्रदर्शनों का किया समर्थन बीजिंग/शांघाय – ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के विरोधकों को काबू में करने के लिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने तेज़ी से कदम उठाना शुरू किया है। लगातार चार दिनों से हो रहे इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए चीन ने राजधानी बीजिंग समेत बड़े शहरों में सुरक्षा
Sadguru Shree Aniruddha Bapu while talking about the name ‘Om Mantraya Namah’, explains about the Glaum (ग्लौ ໍ) beej in his Marathi discourse of 4th March 2010. He also explains with examples how the potency of Glaum (ग्लौ ໍ) beej works. ०४ मार्च २०१० च्या मराठी प्रवचन व्हिडिओमध्ये सद्गुरू श्री अनिरुद्ध ‘ॐ मंत्राय नमः’ ह्या नामाविषयी सांगताना, ग्लौ ໍ ह्या बीजाचा उल्लेख करतात. तसेच ग्लौ ໍ बीजाचे सामर्थ्य कसे कार्य
चुनौति के दौर में भारत ‘जी २०’ को निर्णय लेने वाला नेतृत्व प्रदान करेगा बाली – भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक कमज़ोरी, अनान और ईंधन की कीमतों में उछाल और कोरोना की महामारी के दुष्प्रभाव सामेन आ रहे हैं और ऐसे में भारत को ‘जी २०’ की अध्यक्षता मिल रही है। चुनौतियों के ऐसे दौर में भारत की यह अध्यक्षता सर्वसमावेशक, महत्वाकांक्षी, निर्णय लेनेवाला और कृतिशील होगी, ऐसी गवाही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Sadguru Aniruddha Bapu tells us the significance of doing Bhakti in this Hindi discourse of 29th December 2005. In very simple terms, Sadguru Aniruddha Bapu explains why is Radhaji’s existence only in Gokul of Bhagwan Shree Krishna and what are the consequences of doing Bhakti (भक्ति करना) and not doing Bhakti (भक्ति न करना). २९ दिसंबर २००५ के हिंदी प्रवचन में सद्गुरु श्रीअनिरुद्धबापू हमें भक्ति का महत्त्व बता रहे हैं|