अफवाहों के वाहक

हरि ॐ आज श्री. वैभवसिंह कुलकर्णी ने पोस्ट की हुई नोट पढ़ी। यह नोट यानी हूबहू मेरा मनोगत है।

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अफवाहों के वाहक

हरी ॐ. सोशल मीडिया पर फिलहाल एक मेसेज का बहुत ही आदानप्रदान किया जा रहा है। ‘विदेश के श्रद्धावानों के साथ समीरदादा ने किये हुए व्हिडीओ कॉन्फरन्सिंग के ये मुद्दे हैं’ ऐसा दावा इस मेसेज में किया गया है। यह मेसेज पढ़ने के बाद पहला विचार मेरे मन में यह आया कि समीरदादा जब कोई भी मेसेज हम तक पहुँचाना चाहते हैं, तो वह ऑफिशिअल मार्ग से ही हम तक पहुँचता है। फिर जब यह मेसेज ऑफिशिअली समीरदादा से आया नहीं है, तब हम इसे क्यों फॉरवर्ड कर रहे हैं?

अब रहा मुद्दा विदेश के श्रद्धावानों के साथ समीरदादा ने किए व्हिडीओ कॉन्फरन्सिंग का। समीरदादा कई श्रद्धावानों के साथ इन्फॉर्मली बातचीत करते हैं। इन्फॉर्मल बात करने की पद्धति यह अलग ही होती है और समीरदादा की इस प्रकार की इन्फॉर्मल बातचीत को, ऑफिशिअल मेसेज की तरह फॉरवर्ड करना और वह भी उनसे किसी भी प्रकार की अनुमति न लेते हुए; यह मुझे लगता है कि बहुत ही ग़लत है। जिस किसी ने भी यह किया है, उसने सिर्फ़ मौक़े का ग़लत फ़ायदा उठाया है और उसे अपने कर्तव्य का अंशमात्र भी एहसास नहीं है, ऐसी मेरी स्पष्ट राय है। समीरदादा ने किया संवाद यह उस उस ग्रुप के लिए होता है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए; और यदि ऐसे वाक़ये होते रहें, तो उसका परिणाम ऐसा होगा कि समीरदादा इस प्रकार इन्फॉर्मली बातचीत करना ही बंद कर देंगे।

ऐसे अनऑफिशिअल मेसेजेस जब फॉरवर्ड होते हैं, तब उसके अर्थ का अनर्थ हो सकता है। इसी उदाहरण को देखिए - कई ग्रुप्स पर फॉरवर्ड किये गये उसी मेसेज में नयीं नयीं बातें किसीने ऍड की हुईं दिखायी दे रहीं हैं। इसीका अर्थ यह है कि कोई अनजाने में या फिर हेतुपुरस्सर जानकारी अपने मन से ऍड करते गया है।

अब कोई कहेगा कि ‘इसमें इतनी क्या बड़ी बात है! हमने फ़िक्र के कारण मेसेज फॉरवर्ड किए’; लेकिन अनऑफिशिअल मेसेज फॉरवर्ड करने के भयंकर परिणाम हो सकते हैं, यह समझ लेना ज़रूरी है और ये परिणाम हमें भुगतने नहीं पड़ेंगे, बल्कि किसे भुगतने पड़ेंगे यह आप ही समझ लीजिए। पिछ्ले कई वर्षों से मीडिया में होने के कारण, बेबुनियाद मेसेजेस का परिणाम कितना भयंकर हो सकता है, वह मैंने देखा है और इसीलिए केवल सचेत करने के लिए यह पत्र लिखा है। दुनियाभर की विद्यमान स्थिति को मद्देनज़र रखते हुए, हम सभी को सतर्क रहना बहुत ही ज़रूरी है।

हमतक जो कुछ भी सूचना पहुँचानी है, वह समीरदादा ऑफिशिअली सूचित करेंगे ही; लेकिन किसी भी अनऑफिशिअल मेसेज को फॉरवर्ड करते रहना अब इसके आगे हमें टालना चाहिए। अनर्थ करानेवालीं अफवाहों के हम तो वाहक नहीं होंगे, इतना ख़याल तो हममें से हर एक जन को इसके आगे रखना चाहिए।

हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. वैभवसिंह कुलकर्णी. 3-5-2020

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