दैनिक ‘प्रत्यक्ष’ का ’बिटकॉईन स्पेशल’ अंक

सन २०१२ में ’बिटकॉईन्स्‌’ (Bitcoins) यह शब्द मैंने पहली बार सुना - बापू के मुख से। बापू ने जुलाई २०१२ में स्वयं २ दिन का, पूरे ३० घंटों का एक सेमिनार कंडक्ट किया था, जिसमें उन्होंने लगभग २५ से भी अधिक विषयों का, १७ विभिन्न क्षेत्रों के उपस्थितों के समक्ष गहराई से विवरण किया। अटेंशन इकॉनॉमी (Attention Economy), ज़ुगाड़ (Jugaad), क्लाऊड़ कॉम्प्युटिंग (Cloud Computing) जैसे विषयों के साथ ही, ’बिटकॉईन्स्‌’ यह विषय बापू ने उस समय प्रस्तुत किया था।

उस समय अधिकांश सामान्यजनों को जानकारी न होनेवाले या फिर कामचलाऊ सुनी-सुनायी जानकारी ही होनेवाले इन विषयों के इस सेमिनार को बापू ने - ’नये मिलेनियम की योजनाएँ एवं नीतियाँ’ (Strategies of the New Millennium) इस नाम से संबोधित किया। यह नाम ही इन विषयों के महत्त्व को अधोरेखांकित करता है।

जैसा कि दैनिक ’प्रत्यक्ष’ में आज कहा गया है, “दुनिया का प्रवास ’करन्सी’ से क्रिप्टोकरन्सी की दिशा में शुरू हो चुका है”। इस प्रवास पर यदि ग़ौर करें, तो बापू ने जब वह सेमिनार कंडक्ट किया था, उस साल में ‘एक बिटकॉईन के लिए १३ अमरिकी डॉलर’ यह भाव चल रहा था, जो आज ‘एक बिटकॉईन के लिए पूरे ६१८० अमरिकी डॉलर’ तक जा पहुँचा है। इस एक सांख्यिकी से बापू की दूरदर्शिता का हमें परिचय हो जाता है।

बापू द्वारा किये गये ऐसे मार्गदर्शन के आधार पर दैनिक ’प्रत्यक्ष’ समय समय पर ऐसी महत्त्वपूर्ण जागतिक गतिविधियों के बारे में ख़बरें देता आया है और आज इन्हीं बिटकॉईन्स्‌ की ख़ास जानकारी हमें दैनिक ‘प्रत्यक्ष’ के माध्यम से ही लेनी है; क्योंकि हम चाहे अपनी आसपास की परिस्थिति के बारे में सतर्क न भी हों, लेकिन बापू अपने श्रद्धावान मित्रों को हमेशा ही वास्तविकता का भान रखते हुए सतर्क करते ही हैं।

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