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भगवान हमें वही देते हैं जो हमारे लिए सर्वोत्तम होता है

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्धजी ने २० अक्तूबर २००५ के पितृवचनम् में ‘भगवान हमें वही देते हैं जो हमारे लिए सर्वोत्तम होता है’ इस बारे में बताया। जब हम, आप कोई काम करने निकलते हैं, हम क्या करते हैं? आज कोई इन्सान को जाकर मिलना है, भगवान काम कर दे अच्छा होगा। भगवान की याद की, भगवान को प्रणाम किया। काम करके आए, भगवान से, दिल से प्रार्थना की, भगवान, आपने बात

भगवान पर आपका भरोसा जितना बढ़ता है, उतना आपका आत्मविश्वास बढ़ता है    

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ०७ अप्रैल २००५ के पितृवचनम् में ‘भगवान पर आपका भरोसा जितना बढ़ता है, उतना आपका आत्मविश्वास बढ़ता है’ इस बारे में बताया। राधाजी के पास जितना आत्मविश्वास है, उतना किसी के भी पास नहीं होता। उनके पास सबसे ज्यादा आत्मविश्वास होता है। क्योंकि आत्मविश्वास ये उतना ही होता है, किसीके भी पास, जितनी उसके पास भक्ति होती है। अगर मेरे पास आत्मविश्वास कम है, इसका मतलब

त्रिविक्रम के १८ वचन

हरि ॐ, दिनांक २२ दिसम्बर २०१८ यानी दत्तजयंती से श्रीवर्धमान व्रताधिराज का आरंभ हो रहा है। सद्‍गुरु श्रीअनिरुद्धजी के बतायेनुसार कई श्रद्धावान ‘स्वयंभगवान त्रिविक्रम के १८ वचन’ बतौर ‘व्रतपुष्प’ लेनेवाले हैं। श्रद्धावानों की सुविधा के लिए स्वयंभगवान त्रिविक्रम के १८ वचन मराठी, हिन्दी और अँग्रेज़ी में उपलब्ध कराये जा रहे हैं। ——————————– ——————————————   —————————————— । हरि ॐ । श्रीराम । अंबज्ञ । । नाथसंविध्‌ ।

स्वयंभगवान त्रिविक्रम मन्त्रगजर धुन

हरि ॐ, कुछ ग्रुप्स में स्वयंभगवान त्रिविक्रम का सार्वभौम मन्त्रगजर अलग धुन में पोस्ट किया गया है। इस मन्त्रगजर को अलग धुन में गाने में कोई आपत्ति नहीं है; परन्तु श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम्, श्रीत्रिविक्रम मठ, श्रीहरिगुरुग्राम, अन्य सभी श्री अनिरुद्ध उपासना केन्द्र और संस्था के सभी धार्मिक कार्यक्रम इनमें यह मन्त्रगजर मूल (Original) धुन में ही लिया जायेगा, इस बात को सभी श्रद्धावान ध्यान में रखें। हरि ॐ, काही ग्रुप्समध्ये स्वयंभगवान

भगवान को एक प्यारी सी स्माईल दो (Give The Lord your warm smile)

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने २७ मार्च २०१४ के प्रवचन में ‘भगवान को एक प्यारी सी स्माईल दो’ इस बारे में बताया। सो पहले जान लें कि इस स्थान पर हम लोग बाबा की उपासना करने को आये हैं, इसका मतलब है यहां बाबा हैं। तो पहले स्माईल देना, ये क्या है, हमारा कर्तव्य है। भगवान को सुबह उठने के बाद भी, उसका चित्र हमारे सामने रहेगा, तो पहले give

स्वयंभगवान त्रिविक्रम के अठारह वचन

कल गुरुवार २ अगस्त २०१८ के दिन श्रीहरिगुरुग्राम में बापू ने, अत्यधिक महत्त्वपूर्ण ‘स्वयंभगवान त्रिविक्रम के अठारह वचनों’ के बारे में बताया। हम इन वचनों का लाभ गुरुवार १६/०८/२०१८ को बापू के साथ ले पायेंगे। इसी के साथ बापू ने ‘स्वयंभगवान त्रिविक्रम’ का गजर शारण्य तथा आनंद भाव से कैसे करना है इसके बारे मे भी बताया है। इसकी वीड़ियो क्लिप मैं blog तथा WhatsApp और YouTube पर अपलोड़ कर

भगवान त्रिविक्रम गजराबाबत सूचना

हरि ॐ, मागच्या गुरुवारी श्रीहरिगुरुग्राम येथे सूचना केल्याप्रमाणे, परमपूज्य सुचितदादांनी भगवान त्रिविक्रमाचा एक अत्यंत सुंदर जप सर्व श्रद्धावानांना भेट म्हणून दिलेला आहे. आजच्या गुरुवारी, म्हणजे दि. १७ मे २०१८ रोजी श्रीहरिगुरुग्राम येथे नेहमीच्या उपासनेनंतर हा जप गजर स्वरूपात सर्व श्रद्धावानांसमोर सादर केला जाईल. मात्र कोणालाही हा गजर रेकॉर्ड करण्याची परवानगी नाही; रेकॉर्डिंगमुळे इतर श्रद्धावानांना गजराचा आनंद घेता येत नाही. हरि ॐ, पिछले गुरुवार को श्रीहरिगुरुग्राम में की गई सूचना के

भगवान का प्यार हमें बदल देता है (God's love changes us)

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्धने ३० जनवरी २०१४ के पितृवचनम् में ‘भगवान का प्यार हमें बदल देता है’ इस बारे में बताया। अपनापन चाहिये। अपनापन कब टिकता है? जब हम सोचते हैं कि जिससे मैं प्रेम करता हूँ, उसने मेरे लिये क्या किया है और हम गिनती बंद कर देते हैं । यह सोचोगे कि मैंने क्या किया है, तभी ध्यान में आयेगा कि ९९ चीज उसने दी है, एक चीज नहीं

भगवान त्रिविक्रमाचा गजर

हरि ॐ, आपल्या सर्वांच्या लाडक्या परमपूज्य सुचितदादांनी भगवान त्रिविक्रमाचा अत्यंत सुंदर जप सर्व श्रद्धावानांनाच भेट म्हणून दिलेला आहे. हा जप, गजर म्हणून पुढील गुरुवारी श्रीहरिगुरूग्राममध्ये सर्वांच्या समोर सादर केला जाईल. नाथसंविध्‌, अंबज्ञ हरि ॐ, हम सबके प्यारे परमपूज्य सुचितदादा ने भगवान त्रिविक्रम का बहुत ही सुन्दर जप सभी श्रद्धावानों को उपहार के रूप में दिया है। इस जप को गजर के रूप में अगले गुरूवार को श्रीहरिगुरूग्राम में सब के

स्वयंभगवान त्रिविक्रम

आज गुरुवार दि. २६-०४-२०१८ रोजी प्रकाशित झालेल्या ‘दैनिक प्रत्यक्ष’मधील ‘तुलसीपत्र-१४८६’ ह्या अग्रलेखामध्ये, ‘स्वयंभगवान त्रिविक्रम’ प्रथमच प्रकट झाल्याचे वर्णन केले गेले आहे, तेच हे ‘महासाकेत’ ह्या सर्वोच्च स्थानावर स्थित ‘स्वयंभगवान त्रिविक्रमा’चे स्वरूप. आज गुरुवार दि. २६-०४-२०१८ को ‘दैनिक प्रत्यक्ष’ में प्रकाशित हुए ‘तुलसीपत्र-१४८६’ इस अग्रलेख में, ‘स्वयंभगवान त्रिविक्रम’ के पहली ही बार प्रकट होने का वर्णन किया गया है। यही वह ‘महासाकेत’ इस सर्वोच्च स्थान पर स्थित ‘स्वयंभगवान त्रिविक्रम’ का स्वरूप।