Krishna dwells where devotees perform bhajan, poojan: Aniruddha Bapu
सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ०६ अक्तूबर २००५ के हिंदी पितृवचनम् में ‘ॐ कृष्णायै नम:’ इस बारे में बताया। वो स्वयं भक्तिरूपिणी हैं, ये राधा भक्तिरूपिणी हैं और हम लोग जानते हैं कि श्रीमद्भागवत में एक श्लोक है, नारद को भगवान स्वयं श्रीकृष्ण, स्वयं श्रीकृष्ण भगवान कह रहे हैं, ‘मद्भक्ता यत्र गायन्ति, मद्भक्ता यत्र गायन्ति, तत्र तिष्ठामि नारद।’, मद्भक्ता यत्र गायन्ति, तत्र तिष्ठामि नारद।’ ‘हे नारद, जहाँ मेरे भक्त भजन-पूजन करते