“त्रिविक्रम अनंत नामावली” और “नवविधा भक्ति” इन विषयों पर होनेवाले पितृवचन के संदर्भ में सूचना
हरि ॐ, शनिवार, दि. ०७ मार्च २०२० को संस्था ने, फिलहाल दुनियाभर में तेज़ी से फ़ैल रहे कोरोना वायरस, “कोविद – १९” के सिलसिले में श्रद्धावानों को एक महत्त्वपूर्ण सूचना भेजी थी; जिसमें सावधानता और जागरूकता के उपाय के रूप में, हर गुरुवार श्रीहरिगुरुग्राम में होनेवाली और शनिवार को विभिन्न स्थानों पर उपासना केंद्रों में होनेवाली सामूहिक उपासना, अगली सूचना मिलने तक बंद रखने का निर्णय सूचित किया था। इसी
सद्गुरु श्री अनिरुद्ध ने ४ फरवरी २०१६ के प्रवचन में ‘आप कभी भी अकेले नहीं हैं, त्रिविक्रम आपके साथ है (You Are Never Alone, Trivikram Is With You)’ इस बारे में बताया। आप बोलेंगे बापू किसकी भक्ति करें हम लोग? किसी भी, किसी भी रूप की भक्ति कीजिये। मैंने कभी नहीं कहा कि इसी की भक्ति करो। मैं इसे माँ चण्डिका, माँ जगदंबा बोलता हूँ, आप दूसरे किसी की उपासना
हरि ॐ, सभी श्रद्धावानों को यह सूचित करने में बहुत खुशी हो रही है कि माता जगदंबा और सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध के कृपाशीर्वाद से, आज दि. १६ मई २०१९ को अतुलितबलधाम-रत्नागिरी में ‘त्रिविक्रम मठ’ की स्थापना की गयी। इस त्रिविक्रम मठ के लिए शंख, ताम्हन, पीतांबर, तीर्थपात्र और तस्वीरें गुरुवार दि. ९ मई २०१९ को श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम् से दी गयी थीं। अत्यंत भक्तिमय, प्रसन्न एवं हर्षोल्लासपूर्ण वातावरण में, संस्था के महाधर्मवर्मन
सद्गुरू श्री अनिरुद्ध बापूंनी त्यांच्या २० जून २०१३ च्या मराठी प्रवचनात ‘त्रिविक्रमावरील विश्वास तुमचे जीवन बदलू शकतो’ याबाबत सांगितले. प्रत्येकजण काय म्हणतो? मला माझं जीवन बदलायचं आहे. असं म्हणता की नाही, कधीतरी म्हणालात की नाही की मला माझ जीवन बदलायचं आहे, बरोबर. म्हणजे करायचं काय? तुम्ही मोठं टाईम टेबल बनवता, काय काय कुठले उतारे शोधून काढता ते पाठ करता, कवायती करता, सगळं मान्य आहे. पण जीवन कोण बदलू शकतं? जी जीवन निर्माण करते,
हरि ॐ, दिनांक २२ दिसम्बर २०१८ यानी दत्तजयंती से श्रीवर्धमान व्रताधिराज का आरंभ हो रहा है। सद्गुरु श्रीअनिरुद्धजी के बतायेनुसार कई श्रद्धावान ‘स्वयंभगवान त्रिविक्रम के १८ वचन’ बतौर ‘व्रतपुष्प’ लेनेवाले हैं। श्रद्धावानों की सुविधा के लिए स्वयंभगवान त्रिविक्रम के १८ वचन मराठी, हिन्दी और अँग्रेज़ी में उपलब्ध कराये जा रहे हैं। ——————————– —————————————— —————————————— । हरि ॐ । श्रीराम । अंबज्ञ । । नाथसंविध् ।
हरि ॐ, कुछ ग्रुप्स में स्वयंभगवान त्रिविक्रम का सार्वभौम मन्त्रगजर अलग धुन में पोस्ट किया गया है। इस मन्त्रगजर को अलग धुन में गाने में कोई आपत्ति नहीं है; परन्तु श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम्, श्रीत्रिविक्रम मठ, श्रीहरिगुरुग्राम, अन्य सभी श्री अनिरुद्ध उपासना केन्द्र और संस्था के सभी धार्मिक कार्यक्रम इनमें यह मन्त्रगजर मूल (Original) धुन में ही लिया जायेगा, इस बात को सभी श्रद्धावान ध्यान में रखें। हरि ॐ, काही ग्रुप्समध्ये स्वयंभगवान