पर्यटन आपकी आत्मा को आनन्दित कर सकता है (Travel can make your soul happy) - Aniruddha Bapu

परमपूज्य सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने १४ जनवरी २०१६ के पितृवचनम् में ‘पर्यटन आपकी आत्मा को आनन्दित कर सकता है', इस बारे में बताया।

Aniruddha Bapu told in his Pitruvachanam dated 14 Jan 2016 that, Travel can make your soul happy.
पर्यटन आपकी आत्मा को आनन्दित कर सकता है (Travel can make your soul happy) - Aniruddha Bapu 

 

उसी जगह, घिसी-पिटी जगह हर संडे को जाना है तो उसी जगह जायेंगे, क्या करेंगे, नहीं, हम लोग वीक-एंड के लिये बाहर जाते हैं, बाहर जाकर क्या करेंगे, समुद्र के किनारे जायेंगे, उसके बाद घर आयेंगे। वही चीज चालू। आज इधर सी-फेस है, कल उधर का सी-फेस है, कल कहीं और का।

हमारे ट्रीप्स भी देखो, औरंगाबाद जाते हैं, महाबलेश्वर जाते हैं, माथेरान जाते हैं, कुलु मनाली जाते हैं, सिमला जाते हैं, कोडाई कनाल जाते हैं या स्वित्झर्लॅंड जाते हैं। जगह तो निरनिराली होती है, ईमारते भी अलग अलग होती है, निसर्ग भी अलग अलग होता है, पर वहां जाके हम लोग क्या करते हैं? जो गाईड हमें दिखाता है, वह देखते हैं, आने के बाद दोस्तों को, हमारी जो सहेलिया हैं, उन्हें बताने के लिये। बस! बाकी जाकर वहां होटल में कैसा खाना है, क्या खाना है, वो खाना खाना, नाश्ता करना, यहा घूमना वहा घूमना, बस! घूमने के बाद क्या मिला? मजा किया, मजा किया, बहोत मजा किया। यानी क्या किया? किसीके पास उसका जवाब नहीं होता।

Has your soul become happy? क्या तुम्हारी आत्मा खुश हुई है? बापू हम लोग आत्मा मतलब भी जानते नहीं। कोई जानने की आवश्यकता नही। क्या तुम इतने फ्रेश हो चुके हो कि तुम्हारे मन में ऐसी भावना जागृत हो उठी है कि yes, I enjoyed in a divine way. मैं भगवान जैसे चाहता है, उस तरीके से मैंने आनंद किया।

क्या मुझे ऐसा लगता है?, पिकनिक में जाकर आने के बाद या टूर पे जाकर आने के बाद, कि मैने ऐसा कुछ किया कि मैने जो कुछ पाया आज इन आठ दिनों में, दस दिनों में, पंधरा दिनों में, उससे मेरी ताकद और भी बढ गयी है? मै और फ्रेश हुआ हूं, शरीर से और मन से? मेरे मन में जो नकारात्मक विचार थे, मेरे मन में जो deperssing विचार थे, नैराश्य के विचार थे, वो पूरे के पूरे चले गये हैं, पुरे के पुरे चले गये हैं, जल गये हैं? नहीं। अगर नहीं गये हैं तो इसका मतलब है कि मेरा आत्मा, मेरी आत्मा को सुख नहीं मिला है, हॅप्पी नहीं हुआ है, इस बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।

 

॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥

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