रुद्ररूप अशुभ का नाश करता है (The Rudra roop destroys the Ashubha) - Aniruddha Bapu

परमपूज्य सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ७ एप्रिल २०१६ के पितृवचनम् में ‘ रुद्ररूप अशुभ का नाश करता है’ इस बारे में बताया।

 Aniruddha Bapu Pitruvachanam on The Rudra roop destroys the Ashubha at shreeharigurugram
Aniruddha Bapu Pitruvachanam on The Rudra roop destroys the Ashubha at shreeharigurugram
 
देखिए, वेदों में जो रुद्र मंत्र आते हैं रुद्र के तो उसमें ‘महाभिषक्’ कहा गया। भिषक् का संस्कृत में अर्थ है निष्णात वैद्य, एक्सपर्ट डॉक्टर। हम इससे जान सकते हैं कि उसका रुद्र स्वरुप हमारी फिजिकल बॉडी में, हमारे स्थूल शरीर मे कितना आवश्यक है, सारी बीमारियों का नाश करने के लिए। देखिए, अगर किसी को टायफॉईड हो गया तो सिर्फ टॉनिक देके चलेगा क्या? यानी भद्र औषधियाँ देकर। वहाँ तो रुद्र औषधियाँ चाहिये, रौद्र औषधियाँ। यानी क्या? बॅक्टेरीया का संहार करनेवालीं औषधियाँ यानी रौद्र औषधियाँ, रुद्र औषधियाँ चाहिये, हमें रुद्र अवतार चाहिये। रुद्र रुप भी चाहिये। भद्र रुप भी चाहिये। हम इसके साथ रिश्ता अगर बाप का बना लें तो प्रॉब्लेम किधर है?  राईट, शेरनी है वो दूसरों के लिए भयावह होगी, अपने बच्चों के लिए क्या वह भयावह है? कभी नहीं हो सकती। ये ध्यान में रखिये। तो कभी भी ये गलती मत करना कि हमें रौद्र स्वरुप नहीं चाहिये, भद्र स्वरुप चाहिये। येस, नहीं तो क्या होगा? कल्याण तो होता रहेगा। प्रगति होती रहेगी। लेकिन जो अशुभ है, उसका नाश कैसे होगा, रुद्र स्वरुप नहीं होगा तो? हमें दोनो भी चाहिये। माँ काली को देखकर, हम लोगों ने प्रसन्नोत्सव किया था यहीं, यहाँ माँ काली खडी थी, राईट? महाकाली की आँखों में देखिए कितना प्यार है! और ये ऐसी महाकाली तुम्हारे पीछे पीछे घूम रही है, तुम्हारी बॉडी गार्ड बनकर तो किस की हिंमत होगी कुछ करने की आप को? सौ फीट के अंदर क्या, सौ किलोमीटर के अंदर भी कोई नहीं आएगा।  वैसे हमें जानना चाहिये रूद्र स्वरुप और भद्र स्वरुप दोनों भी आवश्यक है। दोनों अलग अलग हैं और एक भी हैं, एक भी और अभेद्य भी। हमें जानना चाहिये कि हम यदि किसी जीवन में अगर बॅक्टेरीया बनकर तकलीफ दे रहे हैं, बॅक्टेरिया यानी जीव की रोग उत्पन्न करने की शक्ति, ऐसे हम किसी के जीवन में रोग उत्पन्न कर रहे हैं, हम किसके जीवन में जहर फैला रहे हैं, Then हमें भगवान वहाँ क्षमा तभी करेगा, जब हम ये दुष्कर्म कर रहे हैं वो छोड देंगे। बाकी कुछ पाप हो जाये तो चलता है, हम लोग किसी के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, जिंदगी खराब कर रहे हैं तो हमें जानना चाहिये कि ये एक चीज माँ को और उसके बेटे को कभी मंजूर नहीं हो सकती।  अग़र गलती से हो रहा है तो आप फिक्र मत कीजिये, वो जानती है कि गतली से हो रहा है। तो आपको क्षमा मिलेगी। आपको सुधारने की वो कोशिश करेगी। आप जानबूझकर किसके जीवन में जहर घोल रहे हैं, तो जान लीजिए कि उसका भद्र स्वरुप भी काम करेगा और रुद्र स्वरुप भी काम करेगा। ऐसा इन्सान है, उसकी भक्ती कर रहा है तो समझ लीजिए रुद्र स्वरुप भी उसके लिये काम करेगा, उसके मन को, उसके उस विकार को दूर करने के लिये जितनी चाहिये उतनी सहायता देता रहेगा। जब तक वो दूसरों के जीवनो में जहर घोलना, जहर डालना, जीवन जहरीला बनाना दूसरों का नहीं बंद करता, तब तक उसे क्षमा नहीं मिलेगी।  ‘रुद्ररूप अशुभ का नाश करता है’, इस बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।  

॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥

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