मूलाधार चक्र की चार पंखुडियाँ (The four petals of Mooladhara Chakra) - Aniruddha Bapu

परमपूज्य सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ७ एप्रिल २०१६ के पितृवचनम् में ‘मूलाधार चक्र की चार पंखुडियाँ’ इस बारे में बताया।

मूलाधार चक्र की चार पंखुडियाँ (The four petals of Mooladhara Chakra) - Aniruddha Bapu Pitruvachanam  
स्वाधिष्ठान चक्र को देखते समय ध्यान में रखिये की मूलाधार गणपति जो हैं, मूलाधार गणेश जो हैं, उनका जो ‘ॐ लं' ये बीज है, इंद्र का भी बीज है, जो वसुंधरा का बीज है, ये जानते हैं कि इस वसुंधरा पर सारे विघ्नों का नाश करनेवाले जो मंगलमूर्ति गणेश हैं, वो ही स्वामी हैं। 
 
हमें तकलीफ पहुँचानेवाला कौन है? वृत्र है। और उसका नाश करनेवाला कौन है? इंद्र है। ये ‘लं’ बीज कैसे देखिये, ये मूलाधार चक्र पर काम करता है। तो आप को तकलीफ देनेवाले वृत्रासुर का भेद छेद करने के लिये, नाश करने के लिये, इंद्रबीज ‘लं’ बीज काम करेगा। बाकी जो difficulties आती हैं, अडचनें आती हैं बीच में, obstructions is the right word, उन्हें दूर करने के लिये मूलार्कगणेश भी तैयार हैं। और वहां है कौन? हमारी माँ जगदंबा कुंडलिनी रूप में, सोयी हुई नहीं, तो अलिप्त रूप से जागृत है, सिर्फ उसका वहां होना ही कार्य करता है। 
 
तो ऐसी जगह ये मूलाधार चक्र है। बहुत बार कुछ लोगों के मन में यह गलतफहमी होती है कि मूलाधार चक्र एकदम lowest है, उसमें ज्यादा नहीं, सहस्रार सब कुछ है। no! इन्सान के लिये सब से ज्यादा जरूरी क्या है - ये मूलाधार चक्र। हम लोग इस मिट्टी से बने हुए हैं, जल-पान की, खाने-पीने की, सोने की, सब की आवश्यकता होती है हमें। तो ये मूलाधार चक्र इसलिये बहुत आवश्यक है। 
 
चार पंखुडियाँ, मैंने बार बार बताई हैं, क्या होती हैं, आहार, विहार, आचार, विचार | सब कुछ इस मूलाधार चक्र के साथ जुडा हुआ है। 
 
‘मूलाधार चक्र की चार पंखुडियाँ’ इस बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।

॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥

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