स्वस्तिक्षेम संवादम् (Swastikshem Sanwad)
कल परमपूज्य बापूजी ने प्रवचन में स्वस्तिक्षेम संवादम् की संकल्पना सारे श्रद्धावानों के समक्ष रखी; सभी श्रद्धावानों के हित के लिए। इस में प्रत्येक श्रद्धावान को चण्डिकाकुल के किसी भी सदस्य के साथ संवाद करना है। श्रद्धावान के मन की भावना, विचार या वो जो कुछ कहना चाहता है वो उस सदस्य के समक्ष कह सकता है। पहले बापू श्रीहरिगुरुग्राम में प्रवचन से पूर्व, “सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि