परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने १६ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में पंचमुखहनुमत्कवचम् के विवेचन में ‘सुन्दरकाण्ड में हनुमानजी को ‘तात’ कहकर श्रीराम और जानकी ने संबोधित किया है’ इस बारे में बताया। हम लोग जब सुंदरकांड पढते हैं, अभी तो बहुत लोगों ने छोड़ भी दिया है, मैंने कभी से बोला है ना, २००३ से कि सुंदरकांड पढ़िए, पढ़िए, ... Read More »
पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – १० (Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation – 10) – Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने १६ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में ‘पंचमुखहनुमत्कवचम्’ के बारे में बताया। हम जब भगवान को बोलते हैं तो actually हम किसको बोल रहे हैं? तो भगवान का जो अंश हममें है, उसे बता रहे हैं। कौन बता रहा है? आपका मन बता रहा है। ये मन जो है, बडा चंचल है। और ये इस ... Read More »
पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – ०९ (हनुमानजी से दास्य भक्ति सीखें) Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation – 09 (Learn Dasya Bhakti from Hanumanji) – Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने १६ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में ‘पंचमुखहनुमत्कवचम्’ के विवेचन में ‘हनुमानजी से दास्य भक्ति सीखें’ इस बारे में बताया। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते। और पहली दो चौपाई में क्या कहते हैं? जय हनुमान ग्यान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर। ति्हुं लोक उजागर – स्थूल, सूक्ष्म और तरलो, ... Read More »
पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – ०८ (प्राणशक्ति के नियन्त्रक हनुमानजी) Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation – 08 (Hanumanji : The Controller of Pranashakti) – Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने १६ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में ‘पंचमुखहनुमत्कवचम्’ के विवेचन में प्राणशक्ति के नियन्त्रक हनुमानजी हैं, इस बारे में बताया। तो आप कहेंगे – बापू यानी विश्व की शक्ति जो है, उस विराट के अंदर नहीं आती। एक बाजू से देखें तो आपका कहना सही है। देखिये जो अभी जो सेकंड ग्रंथ में प्रेमप्रवास में ... Read More »
पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – ०७ (विराट) Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation – 07 (Virat) – Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने १६ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में ‘पंचमुखहनुमत्कवचम्’ के विवेचन में ‘विराट’ इस शब्द के बारे में बताया। और विराट क्या क्या चीज है, हम लोग देखते हैं, अगर वेदों में हम लोग देखें, उपनिषदों में देखें, पुराणों में झाककर देखें, तो विश्व की उत्पत्ति अगर हुई तो उसमें उत्पत्तीकरण दिया गया है, वो ... Read More »
पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – ०६ (Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation – 06) – Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने १६ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में ‘जो पवित्र है, वही विराट हो सकता है’ इस बारे में बताया। विराट यानी ऐसी कोई चीज, ऐसी कोई शक्ति कि जो जितनी चाहे फैल सकती है। जितनी चाहे, खुद चाहे, दूसरे किसी की इच्छा से नहीं, तो खुद की स्वयं की इच्छा से जितना चाहे उतनी फैल ... Read More »
पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – ०५ (देवता गायत्री मंत्र) Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation – 05 (Devata Gayatri Mantra) – Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ०९ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में ‘गायत्री मंत्र हमें इष्ट देवता का दर्शन अवश्य कराता है’ इस बारे में बताया। अभी देखिये कि मैंने पहले ही बताया था, लोग बोलते हैं कि भगवान को देखा नहीं तो उसपर प्रेम कैसे करेंगे? अभी माँ के पेट में बच्चा पल रहा है। आपने देखा है? माँ ... Read More »
पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – ०४ (पंचमुखी माता गायत्री) [(Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation – 04 (Panchamukhi Mata Gayatri)] – Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ०९ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में, पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन करते समय ‘पंचमुखी माता गायत्री’ के बारे में बताया। तो माता गायत्री भी पंचमुखी ही हैं और उनके मुखों के पाँच मुखों के रंग भी पंचमुख-हनुमत् जैसे ही हैं। और गय गायत्री। गायत्री शब्द का अर्थ हम लोग ने जाना है, गायत्री मंत्र का भी जाना ... Read More »
पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – ०३ ( ब्रह्मजल ) [Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation – 03 (Brahmajal)] – Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ०९ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में ‘पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – ०३ ( ब्रह्मजल )’ इस बारे में बताया। मूलाधार चक्र में कौन है? गणेशजी हैं, स्वाधिष्ठान चक्र में कौन हैं, प्रजापति ब्रह्मा हैं। स्वाधिष्ठान चक्र किसके साथ जुडा हुआ है? जल के साथ। मूलाधार चक्र पृथ्वी तत्व के साथ जुडा हुआ है। स्वाधिष्ठान चक्र ... Read More »
पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन ०२ (Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation 02) – Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ०९ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में ‘पंचमुखहनुमत्कवचम्’ के बारे में बताया। सो, इसलिये ये हमें दिशादर्शन करने के लिये, सही रास्ते में, हमें रास्ते में प्रवास के लिये जो भी आवश्यक है, यानी पंचमुखहनुमत्कवच हो या और कोई कवच हो या कोई स्तोत्र हो, मान लो स्तोत्र हो, तो उस प्रवास के लिये आवश्यक ... Read More »
पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन – ०१ (Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation- 01) – Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ०९ मार्च २०१७ के पितृवचनम् में ‘पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन’ के बारे में बताया। ये पंचमुखहनुमत्कवचम्, जो मैने कहने के लिये, पठन करने के लिये इस साल के लिये बोला है, जिसके बारे में हम लोगों ने अग्रलेखों में भी बहुत कुछ पढा। आज से हम इस कवच का अर्थ जानने की कोशिश करेंगे। लेकिन बहुत ... Read More »