स्तुति-प्रार्थना (Stuti-Prarthana) - Aniruddha Bapu‬ Hindi‬ Discourse 01 Jan 2015

स्तुति-प्रार्थना (Stuti-Prarthana) मानव जो सोचता है वही तत्त्व उसके पास आता है और जैसा वह सोचता है वैसा वह बनता है। मैं त्रिविक्रम की संतान हूं और इसलिए मेरे पास मेरे पिता के सारे गुण अल्प प्रमाण में ही सही मगर अवश्य ही हैं, इस विश्वास के साथ भगवान से मांगना चाहिए। भगवान सर्वसमर्थ हैं, भगवान सर्वगुणसंपन्न हैं, इस तरह भगवान पर विश्वास जाहिर करके उनसे प्रार्थना करनी चाहिए। इसे ही स्तुति-प्रार्थना (Stuti-Prarthana) कहते हैं। स्तुति-प्रार्थना का अर्थ क्या है, इसके बारे में परमपूज्य सद्गुरू श्री अनिरुद्ध बापूनें अपने ०१ जनवरी २०१५ के प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l

॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥