खुद के कंधे पर खुद का सर होना चाहिये (Should be the head of self on own shoulder)

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ९ अक्तुबर २०१४ के प्रवचन में ‘खुद के कंधे पर खुद का सर होना चाहिये’ इस बारे में बताया।

खुद के कंधे पर खुद का सर होना चाहिये (Should be the head of self on own shoulder)

खुद के जिंदगी में इसलिये सिर्फ ये सिखो, कि बाबा जो है वो क्या करता है हमारी अच्छी मूरत बनाना चाहता है। लेकिन हमारा पाषाण जो है, हमारा पत्थर जो है, जब हम लोग सोचेंगे, कि बाबा चाहे तो आप छिन्नी उठाओ, बाबा आप चाहे तो हथोडा से ठोको, ये मूर्ति आप बनाओ। मैं मैं हुँ तभी।

शरण आने कि ये पहली कंडिशन क्या है? कि खुद का खुद होना। आप इन्सान नही हो, आप सौ इन्सानों से बना हुआ एक जिगसॉ पझल हो। सौ इन्सानों से सौ experience से, अनुभवों से। छोड दो। खुद के कंधे पर खुद का सर होना चाहिये, दूसरे किसी का नही।

हमारे सारे पडोसी है, समझो धोती पहनते है, तो मैं क्यो धोती पहनू? मैं नही चाहता हुँ नही पहनूँगा। सब लोग जीन्स पहन रहे है, मुझे धोती पहननी है, जरुरत हो तो पहनूँगा। I am least bothered of what they will say. मैं ऐसे नही कह रहा हुँ कि रसभंग कीजिये। जहा औचित्य है वहा अच्छा ड्रेस पहनकर जाना ही आवश्यक है। 

खुद के कंधे पर खुद का सर रखो। क्योंकी साईबाबा के शरण जाने के लिये क्या चाहिये? आपका मस्तक बाबा के चरणों में चाहिये। मस्तक आपका ना हो, तो आप शरण जायेंगे कैसे? सिधा! अभी समझ गये? हम बाबा के शरण जाना चाहते है तो हमें क्या करना चाहिये? बाबा के चरणों पर अपना सर रखना है। अपना सर। अगर तुम्हारा सर ही जो है, मगज जो है सारे दूसरे लोगों से बना हुआ है तो शरण में कौन गया? कोई भी नही। बाबा के शरण तभी जा सकते है, जब हमारा कंधो पर अपना खुद का सर है। आज से हमारे कंधों पर खुद का सर होगा। सिर्फ तुम हो जो खुद के जिंदगी में सब कुछ कर सकते हो और वो एक माँ चण्डिका और उसका पुत्र वो साई, बस! बाकी कोई नही। उसे साई कहो, राम कहो कृष्ण कहो।

राम, कृष्ण आणि साई। तिघांमाजी अंतर नाही।

हेमाडपंतजी ने पुरे रुप से कहा है, राम, कृष्ण आणि साई। तिघांमाजी अंतर नाही।

They are not different. They are only one. वो माँ चण्डिका और उसका पुत्र सब कुछ कर सकता है तुम्हारे लिये, कब? तुम्हारे कंधे पर जब तुम्हारा सर होगा, तब, हमारी हर एक की अपनी अपनी क्षमता होती है, इस बारे में हमारे सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।

॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥