साईनाथ अपने भक्त को अपने समीप खींच लेते हैं (Sainath pulls His devotee closer to him)
सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने २७ मार्च २०१४ के प्रवचन में ‘साईनाथ अपने भक्त को अपने समीप खींच लेते हैं’ इस बारे में बताया।
हम मंदिर में जाते हैं, जरुर! ये इच्छा कैसे उत्पन्न हुई? बाबा की इच्छा ना हो, बाबा के मंदिर में या बाबा के पास, कभी नहीं जा सकते, ये पूरा भरोसा रखो।
बाबा ने सौ बार बोला है साईचरित्र में कि मेरी इच्छा के बिना कोई अपना घर का दरवाजा क्रॉस करके भी मंदिर की तरफ नहीं आ सकता। और जिसको मैं लाना चाहता हूं उसकी इच्छा भी ना हो तो एक चिडी के बच्चे को जैसे चिडिया के बच्चे के पैर को डोरी बाँधकर जैसे खींचकर लायेंगे वैसा उसे खींचकर ले आउँगा और ले आता हूं।
तो पहली बात है कि बाबा के मंदिर में जाने की इच्छा होना, उसके पहले बाबा का मंदिर है इसकी हमें जानकारी होना, यही बाबा की कृपा है।
साईनाथ अपने भक्त को अपने समीप खींच लेते हैं, इस बारे में हमारे सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥