​भूमाता को प्रणाम करते समय की प्रार्थना

हरि ॐ

दिनांक २७ जून २०१९ के गुरुवार के पितृवचन में सद्‌गुरु श्रीअनिरुद्ध बापु ने, भूमाता को प्रणाम करने का महत्त्व हम सबको बताया। ''यह भूमाता विष्णुजी की शक्ति है ऐसी हमारी धारणा है, यह हमारी संस्कृति है। सुबह जाग जाने पर ज़मीन पर कदम रखने से पहले भूमाता को प्रणाम करने से, दिन की शुरुआत मंगलमयी तथा पवित्रता से, अंबज्ञता से भरी होती है।'' ऐसा बापु ने कहा।

भूमाता को नमस्कार करते समय कहा जानेवाला निम्नलिखित श्लोक -

समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमंडले | विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे ||

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हरि ॐ,

दिनांक २७ जून २०१९ रोजीच्या गुरुवारच्या पितृवचनामध्ये सद्‌गुरु श्रीअनिरुद्ध बापूंनी भूमातेला नमस्कार करण्याचे महत्व आपल्या सर्वांना सांगितले. ''ही भूमाता विष्णूची शक्ती आहे, अशी आपली धारणा आहे, ही आपली संस्कृती आहे. सकाळी जाग आल्यानंतर जमिनीवर पाय ठेवण्यापूर्वी भूमातेला नमस्कार करण्याने दिवसाची सुरुवात मंगलपूर्ण, पावित्र्याने, अंबज्ञतेने भरलेली होते,'' असे बापूंनी सांगितले. भूमातेला नमस्कार करताना म्हणावयाचा श्लोक पुढीलप्रमाणे,

समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमंडले | विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे ||

 

|| हरि ॐ || श्रीराम || अंबज्ञ || || नाथसंविध्‌ ||

- समीरसिंह दत्तोपध्ये

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