भारतीय उपखण्ड से जुडी महत्वपूर्ण गतिविधियां

पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख द्वारा भारत के लिए शांति प्रस्ताव

कराची – शांति का लाभ सभी को होगा| इस वजह से गरिबी, निरक्षरता और बिमारी से लढना संभव होगा| इसी लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत के सामने दोस्ती का हाथ बढा रहे है| उनके इन कोशिशों को पाकिस्तान की लष्कर का भी समर्थन है| लेकिन इस संबंधी किए जा रहे कोशिशों की ओर पाकिस्तान की कमजोरी समझने की नजर से ना देखा जाए, ऐसा पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा इन्होंने कहा है| कुछ महीने पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने पाकिस्तान के सामने इसी स्वरूप का प्रस्ताव रखा था| अब यह पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख दोहरा रहे है, यह सूचक घटना मानी जा रही है|

कराची शहर में पाकिस्तानी नौसेना की ‘पासिंग आऊट परेड’ के दौरान जनरल बाजवा बोल रहे थे| पाकिस्तान शांति प्रिय देश है, यह दावा भी उन्होंने इस दौरान किया| 

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विश्‍व का कोई भी देश चीन पर हुकूमत नही कर सकता – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग का इशारा

बीजिंग – ‘चीन के कारण किसी भी देश को खतरा नही है| उसी समय विश्‍व का अन्य कोई भी देश चीन ने क्या करना होगा या क्या करे नही, यह बताकर चीन पर हुकूमत नही कर सकता, यह चेतावनी चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इन्होंने दी है| जिनपिंग इनकी यह चेतावनी यानी अमरिका को संदेश है, यह माना जा रहा है| नजदिकी समय में अमरिका और चीन में शुरू हुआ संघर्ष और भी भडकने के संकेत दे रहा है|

चीन के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ‘डेंग झिओपिंग’ इन्होंने १८ दिसंबर, १९७८ के दिन चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार करने का नया चरण शुरू किया था| इस अवसर को ४० वर्ष पूरे हो रहे थे, तभी राजधानी बीजिंग में विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ| इसके लिए चीन के सत्तापक्ष कम्युनिस्ट पार्टी के नेता, प्रमुख सदस्य, शीर्ष के उद्यमी और विदेशी प्रतिनिधि उपस्थित थे| उस समय राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग इन्होंने चीन की अर्थव्यवस्था को दिलासा देने के लिए सत्ताधारी कम्युनिस्ट पक्ष के नेतृत्त्व के तहत चीन ने प्राप्त की प्रगती और विश्‍व में निर्माण किए वर्चस्व की बार बार दाखिले दिए|

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विक्रमसिंघे दुबारा श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने; चीन को बडा झटका मिलने का विश्‍लेषकों का दावा

कोलंबो – भली भांती ५१ दिन के सियासी ड्रामा के बाद रानील विक्रमसिंघे फिर से श्रीलंका के प्रधानमंत्री हुए है| यह मेरी जीत नही है, बल्कि श्रीलंका की लोकतंत्र की जीत है, यह प्रतिक्रिया विक्रमसिंघे इन्होंने दी है| साथ ही राष्ट्राध्यक्ष सिरिसेना इनके साथ हुए सियासी मतभेद दूर करके सहयोग करने की घोषणा भी प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे इन्होंने की है| विक्रमसिंघे इन्हे प्राप्त हुई सफलता यानी चीन के लिए बहुत बडा सामरिक झटका है, यह विश्‍लेषकों का कहना है|

चीनचे समर्थक के तौर पर पहचाने जा रहे श्रीलंका के नेता महिंदा राजपक्षे इन्हें यकायक प्रधानमंत्री पद की शपथ देकर राष्ट्राध्यक्ष सिरिसेना इन्होंने श्रीलंका में सियासी झंझावात लाया था| अपने राजनीतिक स्वार्थ के खातिर राष्ट्राध्यक्ष सिरिसेना इन्होंने यह निर्णय किया और यह निर्णया घटनाबाह्य है, यह आरोप हो रहे थे| 

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चीन के कर्ज में फंसे मालदीव को भारत से १.४ अरब डॉलर्स की सहायता

नई दिल्ली  – चीन ने दिए कर्जे के चंगुल में फंसे मालदीव को मुक्त करने के लिए भारत ने लगभक १.४ अरब डॉलर्स की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है| साथ ही भारत ने मालदीव के साथ चार समझौते किए है| भारत की यात्रा पर पहुंचे मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष सोलिह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने द्विपक्षीय चर्चा की| इस चर्चा के बाद भारत ने मालदीव को आर्थिक सहायता करने का ऐलान किया| साथ ही दोनों देशों ने हिंदी महासागर क्षेत्र की शांति ऐवं सुरक्षा बरकरार रखने के लिए एक होकर कोशिष करने का ऐलान किया|

मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष सोलिह तीन दिन की यात्रा के लिए भारत पहुंचे है| मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष पद की शपथ ग्रहण करने के बाद केवल महीने के समय में वह भारत में दाखिल हुए है| यह उनकी पहली ही विदेश यात्रा है और इस यात्रा के साथ ही उन्होंने मालदीव की विदेश नीति स्पष्ट की है, यह दिख रहा है| भारत के लिए राष्ट्राध्यक्ष सोलिह इनका यह दौरा सन्मान का विषय साबित होता है, यह कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने राष्ट्राध्यक्ष सोलिह इनका स्वागत किया| इसके साथ ही मालदीव के लिए लगभग १.४ अरब डॉलर्स की वित्तीय सहायता देना का ऐलान भारत ने किया है|

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