कोल्हापूर चिकित्सा एवं आरोग्य शिविर २०१८

डॉ. अनिरुद्ध जोशी के संकल्पना से साकार हुए कोल्हापूर मेडिकल और हेल्थकेअर कैम्प का यह पंद्रहवा वर्ष है। इस वर्ष दिनांक ४ एवं ५ फरवरी के रोज कोल्हापूर जिले के शाहुवाडी तालुका के पेंढाखले इस गांव मे यह कैम्प संपन्न हुआ है।

कई लोगों को यह कैम्प सिर्फ दो दिनों का कार्यक्रम प्रतीत होता होगा पर वास्तव मे यह सालभर चलनेवाला उपक्रम है जिसका अनुभव इस कैम्प मे होता है। वास्तविक रूप से सम्पूर्ण ग्रामीण समाज के लिए यह एक सर्वरूप से विकासात्मक उपक्रम है।

इसमें, अपनी संस्था स्थानीय परिवारों के वस्त्र, सफाई एवं आरोग्य के विषय मे बातों मे आवश्यकता जानने के लिए सर्वेक्षण करते समय इस उपक्रम की वजह से उनके जीवनशैली पर क्या परिणाम हुआ है इसका अभ्यास करते है। प्रति तीन महीने मे एक बार चलनेवाले उपक्रम मे कोल्हापूर, सांगली एवं सातारा जिले के श्रद्धावान शामिल होते है। यह कार्यकर्ता स्थानीय स्कूलों के संपर्क मे रहकर प्रतिसमय छात्रों के प्रगति की जानकारी लेते है।  वहाँ प्राप्त जानकारी प्रतिवर्ष जमा की जाती है जिससे छात्रों की आवश्यकताए पूर्ण कर सके।

प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी कैम्प के पहले दिन (दिनांक ४ फरवरी २०१८) वर्षभर मे चलनेवाले सर्वेक्षण एवं उस आधार पर किये निष्कर्ष पर वितरण किया गया। ‘जुने ते सोने’ इस योजना के अंतर्गत ९३ गावों मे ९०१८ परिवारों को कपडों का वितरण किया गया। तथा उन्हें तीन महीनों तक पर्याप्त शारीरिक स्वच्छता का साहित्य दिया गया। इस स्वच्छता के साहित्य मे दंतमंजन, स्नान एवं कपडे धोने का साबुन, आम और जूओं की कंघी, पानी शुद्ध करने का सोल्यूशन तथा खुजली का मरहम यह वस्तुए सम्मिलित थी। यह सभी साहित्य श्रद्धावान कार्यकर्ता के हाथो उन गावों मे पहुँचाने का प्रबंध संस्थाने किया था।

कैम्प के दुसरे दिन (दिनांक ५ फरवरी २०१८) को चिकित्सा जांच तथा स्कूली छात्रों को आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया गया। १४२१४ मरीजों की १४८ डॉक्टरों की सहायता से रोगचिकित्सा हुई, जिसमे आँखों के डॉक्टर, अस्थिरोगतज्ञ, बालरोगतज्ञ, शल्यविशारद एवं उनके साथ उनकी सहायता के लिए १८५ सहयोगी (पैरामेडिकल स्टाफ) उपस्थित थे।

५५७ गावों मे एवं छोटे गावों मे स्थानीय जरुरतमंदो के लिए कैम्प मे ‘सुपर स्पेशियलिटी’ सुविधा उपलब्ध करायी थी जिसमे एक्स-रे, ईसीजी, दन्त चिकित्सा, त्वचे सम्बन्ध से विकार तथा विशेष बाह्यरुग्ण विभाग जिसमे कान-नाक-गला तज्ञ, ह्रदयरोग तज्ञ ऐसे अनेक डॉक्टर जांच के लिए उपस्थित थे।

दृष्टी जांच करनेवाले ७० लोगों के टीम ने ३०७९ गावावालों के दृष्टी की जांच की एवं उनमे २५०० व्यक्तियों को चश्मे दिए गए। गाववालों के साथ १३० स्कूलों मे ८०७३ छात्रों की चिकित्सा जांच कैम्प मे की गयी तथा छात्रों की स्कूली यूनिफ़ॉर्म, टोपियाँ, चप्पल एवं खेल का साहित्य उदा. फ्रिसबी, क्रिकेट का संच तथा रात के अँधेरे मे अभ्यास करने के लिए मोमबत्तियाँ ऐसे आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया गया, जिससे इस कैम्प के भव्यता की कल्पना की जा सकती है। तथा कैम्प मे छात्रों को पेटभर एवं पौष्टिक खाना उपलब्ध था एवं भोजन समय तक छात्रों को बिस्किट, सुकामेवा के पाकेट तथा पानी देकर उनका सुयोग्य ध्यान रखा गया।

सद्गुरु अनिरुद्ध के प्रेम का स्पर्श तथा जरुरतमंदो के विषय मे उन्हें होनेवाली सहानुभूति का प्रत्यय कैम्प मे प्रत्येक पल मे हो रहा था। ऐसे प्रकार के मेडिकल कैम्प मे जो गुणात्मक एवं संख्यात्मक दर्जा अपेक्षित होता है उसका उच्चतम स्तर इस कैम्प मे बापूके उत्तम मागदर्शन से प्राप्त हुआ है। थोड़े समय के बाद इस कैम्प का फायदा अधिक से अधिक समाज को होगा एवं उनका जीवन अधिक से अधिक सुन्दर होगा क्योकि यह बापू की गवाही है “अवघाची संसार सुखाचा करीन । आनंदे भरीन तिन्ही लोकं”।।

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